MP News: नई ड्राइंग डिजाइन के अमृत सरोवर से रोल मॉडल बना मध्य प्रदेश, पीएम ने ठोकी पीठ

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भोपाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में, मध्य प्रदेश में बने अमृत सरोवर की जमकर तारीफ की। उन्होंने अपने इस कार्यक्रम में प्रदेश के मंडला जिले के मोचा ग्राम पंचायत में बने अमृत सरोवर के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के पास बने इस अमृत सरोवर से इलाके सुंदरता और बढ़ गई है। दरअसल पूरे देश में मध्य प्रदेश अमृत सरोवर योजना में रोल मॉडल बन कर उभरा है। प्रदेश के 52 जिलों में 5900 अमृत सरोवर बनाए जाना है, जिसमें से महज तीन महीनों में 4 हजार बन कर तैयार हो गए हैं।
आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों को हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाने की योजना लागू की थी। इसमें मध्य प्रदेश में अपने टारगेट से डेढ़ गुना अमृत सरोवर बनाएं हैं। खासबात यह है कि इनमें से 95 फीसदी अमृत सरोवर नई ड्राइंग डिजाइन से तैयार किए गए हैं। इनमें पुराने जलाशयों का उपयोग नहीं किया गया है। जबकि अन्य राज्यों में पुराने तालाबों को अमृत सरोवर योजना में परिवर्तित किया गया है।

मास्टर ट्रैनर किये तैयार
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब बेहतर बने इसलिए इंजीनियरों की एक टीम से जिलों की किस लोकेशन पर कैसे तालाब बनाये जाए इसे लेकर ड्रार्इंग एवं डिजाइन बनवाई, साथ ही मास्टर ट्रैनर तैयार किए गए। जिन्होंने जिलों और ब्लॉक स्तर पर जाकर पंचायत विभाग के अधिकारियों को ट्रैंड किया।
स्थानीय स्तर पर यूजर ग्रुप बनाए
विभाग ने स्थानीय स्तर पर यूजर ग्रुप बनाए ताकि तालाब का निर्माण उनकी देखरेख में हो और उसके बाद यह यूजर ग्रुप उस तालाब से पानी लेकर अपना रोजगार बढ़ाएं। इन तालाबों से जहां बड़ी मात्रा में सिंचाई की जाएगी, वहीं मछली पालन और सिंगाड़ा उत्पादन भी होगा। जिससे लोगों की आमदनी बढ़ेगी।

पीएस उमराव ने की प्रतिदिन मॉनिटरिंग
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने अमृत सरोवर योजना की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की। साथ ही उन्होंने लगातार दौरे कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली। उन्होंने अफसरों और इंजीनियरों की टीम बनाकर काम में आने वाली अड़चनों को तत्काल दूर करवाया। इसके कारण ही रिकॉर्ड ढाई महीने में 4 हजार अमृत सरोवर बन कर तैयार हो गए। बारिश के बाद इन तालाबों से प्रदेश के बढ़े क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।