MP News: कागजों में धान खरीदी, मिलिंग बता किया करोड़ों का गोलमाल, मिलर्स और खरीदी केन्द्र प्रभारियों पर FIR

1011

भोपाल -कटनी में मिलर्स और धान खरीदी केन्द्रों के प्रभारियों की मिली भगत से कागजों में धान की खरीदी और मिलिंग बता करोड़ों रुपए का गोलमाल किया गया है। जांच के बाद तीन मिलर्स और आधा दर्जन खरीदी केन्द्र कर्मचारियों के विरुद्ध एफ आईआर दर्ज कराई गई है। अब पूरे प्रदेश में खरीदी के न्द्रो पर रखी धान और मिलर्स के पास भेजी गई धान का सत्यापन शुरु कराया जा रहा है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई को इस गड़बड़झाले को लेकर गोपनीय शिकायत मिली थी। उन्होंने इस मामले में जांच के निर्देश दिए थे। इसके बाद नागरिक आपूर्ति निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक (जबलपुर) एलएल अहिरवार, नागरिक आपूर्ति निगम (रीवा) के जिला प्रबंधक संजय सिंह, जिला आपूर्ति अधिकारी (कटनी) बालेंद्र शुक्ला और कटनी जिला प्रबंधक मधुर खर्द ने तीन दिन तक मामले की जांच की।

*इस तरह हुआ घोटाला-*

कटनी के 17 खरीदी केंद्रों से विभाग को फर्जी रुप से धान खरीदी की जानकारी भेजी गई। जबकि यह धान वास्तव में खरीदी ही नहीं गई, कागजों में खरीदी बता दी गई। कागजों में ही मिलर्स के पास धान पहुंचाना भी बता दिया गया। खरीदी गई धान मिलर के परिसर में होनी चाहिए थी लेकिन धान कम थी. बारीकी से जांच करने पर पाया गया कि फर्जी किसानों के नाम पर धान खरीदी की गई। खरीदी केंद्र के सदस्यों और राइस मिलर्स ने मिलकर कागजों में ही खरीदी कर ली। कटनी जिले के 7 मिलर्स और 17 धान खरीदी केंद्र प्रभारियों की भूमिका संदिग्ध है।

सूत्रों के मुताबिक धान खरीदी केंद्रों से सांठगांठ करके राइस मिलर्स ने सरकार को करीब साढ़े चार करोड़ रुपए की चपत लगाई है। अभी चार मिलर्स और खरीदी केन्द्रों की जांच होना बाकी है। यह घोटाला दस करोड़ तक हो सकता है।

यह मिली गड़बड़ी- उपार्जन केन्द्र उबरा से 9 हजार 9955 क्विंटल, नन्हवारा अमेहटा से 433 क्विंटल, बरही से 433 क्विंटल इस तरह कुल 10 हजार 821 क्विंटल धान का उठाव किया गया। लेकिन मिलर्स के परिसर में कोई धान मिली ही नहीं। इस धान की कीमत दो करोड़ 9लााख् 92 हजार 740रुपए थी। रोहरा इंटरप्राइजेज के फर्म प्रोपाइटर बंटु रोहरा ने बताया कि धान को खुले बाजार में बेच दिया गया। इस प्रकार बंटु रोहरा ने खरीदी केन्द्र उबरा के सहायक प्रबंधक अनुज सिंह रघुवंशी, प्रभारी भूपत द्विवेदी, आपरेटर नितेश तिवारी के साथ कूट रचित दस्तावेज तैयार कर शासन के निर्देशों के विपरीत 2 करोड़ 9 लाख रुपए की धान खुर्द-बुर्द कर शासन को क्षति पहुंचाई। जांच में यह भी पता चला है कि 17 समितियों में फर्जी किसानों के नाम पर 4286.7 मीट्रिक टन धान की फर्जी तरीके से कागजों में ही खरीदी की गई। इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

गुरुनानक इंडस्ट्रीज माधवनगर के अनिल आसरानी के परिसर में भी इसी तरह एक करोड़ 47 लाख 11 हजार 20 रुपए का गोलमाल किया गया। यहां भौतिक सत्यापन में 7 हजार 583 क्विंटल धान कम पाई गई। मिलर्स के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।

तीसरे मामले में सुमन सत्यनारायण लमतरा के यश अग्रहरि के द्वारा 97 लााख् 45 हजार 36 रुपए कीमत के धान का गोलमाल किया गया। यहां 5023.40 क्विंटल धान नहीं मिली। इनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई गई है।

अभी भी चार जगह जांच बाकी-

कटनी के चार मिलर्स अपने मोबाइल बंद कर गायब है उनके यहां जांच होना अभी बाकी है। इनकी जांच से यह मामला दस करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।