Bhopal: पेंशनर्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश ने राज्य सरकार से सवाल किया कि उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड व बिहार से पृथक होकर बने झारखंड के पेंशनर्स को कैसे 31% डीआर मिल रहा है जबकि दोनों राज्यों का विभाजन भी मध्यप्रदेश के समान राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की शर्तों और नियमों के तहत ही हुआ है. एसोसिएशन के वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने सभा को संबोधित करते हुए यह प्रश्न किया।
उन्होंने कहा कि इन चारों राज्यों में बिना आपसी सहमति मांगे पेंशनर्स को केंद्रीय दर से डी आर का भुगतान किया जाता है बाद में वित्तीय वर्ष के अंत में जनसंख्या के अनुपात में देय राशि स्वत: समायोजन कर लिया जाता है पर मध्य प्रदेश की सरकारें ऐसा ना कर पेंशनर्स को उनके वित्तीय अधिकारों व लाभ से वंचित कर प्रताड़ित कर रही है।
जोशी ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह से सवाल किया कि यदि छग सरकार 2 साल तक डीआर नहीं देगी तो क्या मध्यप्रदेश में पेंशनर्स को डीआर का लाभ कर्मचारियों के समान मिलेगा ही नहीं । उन्होंने कहा कि यह अत्यंत दुखद व निराशाजनक है कि दोनों राज्यों के विभाजन का निर्णय राजनीतिक लाभ हानि की दृष्टि से किया गया था पर दोनों राज्यों के पेंशनर्स को तो केवल हानी ही हो रही है।
जिलाध्यक्ष आमोद सक्सेना ने कहा कि सरकार लगातार पेंशनर्स का सालों से अहित करती आ रही है जुलाई 2020 से जून 2021 के बीच जो महंगाई भत्ता केंद्र ने रोका गया था उसका लाभ नहीं दिया गया इस कारण उक्त अवधि में सेवानिवृत्त हुए कोई 40 से 50 हजार पेंशनर के उपादान व अवकाश नकदीकरण की राशि में उक्त लाभ से वंचित कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पेंशनर्स के प्रति सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पेंशनर्स की मांगों के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से मिलने का समय देने हेतु लिखे गए पत्र को भी नजरअंदाज कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश पेंशनर्स संघर्ष समिति के एलएन कैलासिया ने आरोप लगाया कि किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा ना देकर सरकार प्रदेश के पेंशनर्स के स्वास्थ्य के प्रति कितनी गंभीर है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
मध्य प्रदेश स्टेट पुलिस सर्विस पेंशनर्स एसोसिएशन के सचिव श्री नरेंद्र कुमार सक्सेना, डिप्लोमा इंजीनियरिंग एसोसिएशन के सुरेंद्र करजगावकर व प्रकाश मालवीय, रिटायर रेंजर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष जी पी व्यास, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अनेक पदाधिकारी सहित अनेक संगठनों ने आंदोलन में भाग लिया।
सभा को कार्यकारी अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष टी एस अहिरवार, ओ पी पंथी, संतोष ठाकुर, श्रीमती शोभना अर्गल, अरविंद वेद्य, मोहन चंदेल, अशोक मखीजानी, सलीम खान आदि ने भी संबोधित कर संगठन में इसी तरह एकता बनाए रखने का आह्वान कर सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।