भोपाल. राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान के लिये खजाना खोल दिया है। इस वर्ग के हितग्राहियों को मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना के तहत दो करोड़ रुपए तक की परियोजना के लिए शत प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वहीं दो अन्य योजनाओं में दस हजार से पचास लाख रुपए तक का कर्ज और पांच से सात प्रतिशत तक ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के हित में विभिन्न लाइन विभागों जैसे कृषि, पशुपालन, मत्स्य विभाग, उद्यानिकी विभागद्व स्वास्थ्य विभाग एवं परिवार कल्याण विभग अथवा जिला कलेक्टर के माध्यम से प्राप्त होंने वाले विशेष परियोजना प्रस्तावों को वित्तीय पोषण करने के लिए अधिकतम दो करोड़ तक की संपूर्ण परियोजना लागत राशि अनुदान के रुप में शासन द्वारा निर्धारित परियोजना मूल्यांकन समिति की अनुशंसा पर प्रदान किया जाएगा।
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इस योजना में स्वरोजगार, आजीविका, कौशल उन्नयन संवर्धन एवं नवाचार संबंधी परियोजनाओ को प्राथमिकता के आधार पर वित्त पोषण किया जाएगा, जो कि मुख्य रुप से अनुसूचित जाति वर्ग के हितों हेतु केन्द्रित होगा। राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल योजना के क्रियान्वयन हेतु नोडल एजेंसी होगा। लाइन विभागों से प्राप्त परियोजना प्रस्तावों को विभागीय अनुशंसा उपरांत अंतिम रुप से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य परियोजना क्रियान्वयन समिति के द्वारा अनुमोदन पश्चात शासन द्वारा जारी किया जाएगा। योजना में लाइन विभागों से प्राप्त परियोजना प्रस्तावों को मूल्यांकन समिति की अनुशंसा के आधार पर शत प्रतितशत अनुदान शासन स्वीकृति के आधार पर निगम द्वारा देय होगा।
इस योजना में भूमि की उपलब्धता राजस्व विभाग अंतर्गत प्रचलित नजूल निर्वतन नियम एवं इस संबंध में विभागों की नीति में किये गए प्रावधानों के अधीन होगी। योजना में लाइन विभाग से प्राप्त प्रस्तावों के अंतिम रुप से चयन उपरांत परियोजना लागत की राशि शत प्रतिशत अनुदान के रुप में परियोजना के बचत खाते में सीधे हस्तांतरित की जाएगी। परियोजना में उपयोग किये जाने वाले प्लांट एवं मशनरी उपकरण का मूल्य पूंजीगत लागत होगा। भूमि का मूल्य परियोजना में शमिल नहीं होगा तथा भवन में निवेश, मशीन, उपकरण लागत के सौ प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। परियोजना में एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, मिल्क प्रोसेसिंग, केटल फीड, पॉल्ट्री फीड, फिश फीड, कस्टम हायरिंग सेंटर, बेजीटेबल डीहाईड्रेशन, टिश्यू कल्चर, मसाला निर्माण, सीड ग्रेडिंग, शॉटिँग, ग्रामोद्योग , हस्तशिल्प कला से जुड़ी परियोजनाओं पर काम शुरु किया जा सकेगा।
पचास लाख तक का कर्ज, पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान-
अनुसूचित जाति वर्ग के 18 से 40 वर्ष आयु के युवाओं को स्वयं का उद्योग शुरु करने राज्य सरकार पचास लाख रुपए तक का कर्ज उपलब्ध कराएगी और इसपर लगने वाले ब्याज में सात साल तक हर साल पांच प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान भी सरकार देगी।
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नवीन उद्योगों की स्थापना के लिए संत रविदास स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदकों को उद्योग शुरु करने उत्पादक इकाई शुरु करने के लिए एक लाख से पचास लाख तक का बैंक कर्ज उपलब्ध कराएगी। वहीं सेवा इकाई एवं खुदरा व्यवसाय हेतु एक लाख से पच्चीस लाख रुपए तक की परियोजनाएं शुरु करने बैंको से कर्ज उपलब्ध कराएगी। योजना का लाभ अठारह से चालीस वर्ष के बारहवी पास युवाओं को मिल सकेगा। परिवार की आय बारह लाख रुपए से अधिक नहीं होंना चाहिए। हितग्राही को बारह दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण आॅनलाईन ट्रेनिंग मॉडयूल के माध्यम से दिया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत विनिर्माण और सेवा एवं व्यवसाय के क्षेत्र की सभी योजनाएं जो सीजीटीएमएसई अंतर्गत बैँक ऋण गारंटी के लिए पात्र है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी प्रबंध संचालक राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भोपाल रहेगी। जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, कार्यपालन अधिकारी जिला अंत्यवसायी सहकारी विकास समितियों के माध्यम से योजना का संचालन, समन्वय कराया जाएगा। योजना अंतर्गत जिला स्तर पर विभिन्न स्वरोजगार मूलक कार्यो से जुड़े विभागों सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग , पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा क्रियान्वयन किया जाएगा।
दस हजार से एक लाख तक कर्ज और सात प्रतिशत ब्याज अनुदान
भीमराव अंबेडकर योजना के तहत केवल नवीन सभी प्रकार के स्वरोजगार की स्थापना हेतु अनुसूचित जाति वर्ग के आवेदकों को दस हजार रुपए से एक लाख रुपए तक की परियोजनाओं में कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। योजना में सात प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ब्याज अनुदान पांच वर्षो तक उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना में ऐसे हितग्राही जिनकी उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच हो और वे आयकरदाता न हो उन्हें योजना का लाभ मिलेगा। आवेदक स्वयं किसी बैंक अथवा वित्तीय संस्थ का डिफाल्टर न हो और वर्तमान में राज्य अथवा केन्द्र सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना का हितग्राही न हो।