MP News: बलिदानी के गांव में शोक की लहर, एक दिन पहले ही की थी पत्नी और बच्चे से बात

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सतना। कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले में CISF के SI देश के प्रति बलिदान हो गए। शंकर प्रसाद पटेल के गांव मैहर तहसील के अमदरा के पास नौगवां गांव में शोक की लहर व्याप्त है। जैसे ही उनके वीरगति की खबर पहुंची तो उनके गांव के लोग उनके घर की तरफ दौड़े। शोक की लहर दौड़ गई है। 57 वर्षीय सीआइएसएफ के एएसआई शंकर लाल पटेल छत्तीसगढ़ के भिलाई में पदस्थ थे और हाल ही में 18 अप्रैल को ही पुलवामा सेक्टर जम्मू में विशेष ड्यूटी पर गए थे। उनके पिता का नाम रामदास पटेल है जिनका स्वर्गवास हो चुका है। शंकर प्रसाद पटेल के दो पुत्र हैं जिनमें 37 वर्षीय संजय पटेल जो कि विवाहित हैं और वर्तमान में सतना के खेरावासानी टोल प्लाजा में कार्यरत हैं जबकि छोटा पुत्र 32 वर्षीय सुरेंद्र पटेल का अभी विवाह नहीं हुआ है और वह साफ्टवेयर इंजीनियर है जो कि नागपुर में कार्यरत है। शंकर पटेल के बलिदान होने की सूचना पर उनकी पत्नी लक्ष्मी पटेल भी आहत हो गई हैं। क्योंकि दो दिन पूर्व ही उनके पति ने उनसे और उनके बच्चे से फोन पर बात की थी। आने वाले दो वर्ष बाद 2024 में वे सेवानिवृत्त होने वाले थे लेकिन देश सेवा के प्रति बलिदान होने के कारण अब शंकर प्रताप अमर बलिदानी के रूप में जाने जाएंगे।

शुरू हुई तैयारियां, आ सकते हैं मुख्यमंत्री :
सतना के वीर सपूत जवान के देश पर बलिदान होने की सूचना पाकर सतना जिला प्रशासन भी मुस्तैद हो गया। सबसे पहले मैहर एसडीएम धर्मेंद्र मिश्रा, तहसीलदार मानवेंद्र सिंह व संजय राय बलिदानी के घर पहुंचे और स्वजनों को शोक संवेदना व्यक्त कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके बाद बाद सतना से कलेक्टर अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह यादव भी बलिदानी शंकर पटेल के घर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। यहां मुख्यमंत्री के संभावित आगमन को लेकर भी तैयारियां शुरू हो गई है। कलेक्टर और एसपी ने हैलीपेड का जायजा लिया और क्षेत्र में बिजली, पानी की व्यवस्था करने और धूप से बचाव की व्यवस्था करने निर्देश दिए। बलिदानी के घर लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। उनका पार्थिव आज शाम तक अमदरा लाया जाएगा।

सांसद सहित जनप्रतिनिधियों ने व्यक्त किया शोक : राज्यपाल, मुख्यमंत्री के अलावा सतना सांसद गणेश सिंह ने भी ट्वीट कर बलिदानी को नमन किया। उन्होंने लिखा है कि जिस बहादुरी के साथ दुश्मनों से शंकर प्रसाद पटेल ने लोहा लिया और देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति दी उस पर हमें गर्व है। उन्होंने न केवल विंध्य की धरती बल्कि समूचे प्रदेश का मस्तक ऊंचा किया है। उनकी शहादत पर हम नतमस्तक है।