MP Police Commissionerate System : ड्राफ्ट को लेकर नहीं बन पा रही सहमति, फिर आया पेंच

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Police Commissionerate System

Bhopal : मध्यप्रदेश के दो बड़े शहरों इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू किए जाने की राह में फिर अड़चन आने की जानकारी है। ये व्यवस्था नवम्बर में ही लागू होना थी, पर वो नहीं हो सका। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने औपचारिक रूप से भोपाल और फिर इंदौर में भी इस बात की घोषणा की थी। विधि विभाग से भी सहमति मिल गई थी और इसका ड्राफ्ट भी तैयार हो गया था, पर लगता है फिलहाल इस मामले में पेंच आ गया। अभी यह सिस्टम 16 राज्यों के 70 शहरों में लागू है।

जानकारी के मुताबिक IAS लॉबी ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट पर भी आपत्ति जताई है। उन्हें अधिकारों के बंटवारे पर असहमति है। इस कारण भोपाल और इंदौर में लागू होने वाली पुलिस कमिश्नर प्रणाली का ड्राफ्ट उलझ सकता है। पहले सरकार ने 30 नवंबर तक इंदौर और भोपाल में ये प्रणाली लागू करने की तैयारी थी। पर अब ये नहीं हो सकेगा।

बताते हैं कि कई अधिकारों के हस्तांतरण पर सहमति नहीं बन पा रही है। सरकार तैयार ड्राफ्ट में IAS और IPS अफसरों में सहमति चाहती है, ताकि कोई विवाद की स्थिति निर्मित न हो। IAS अफसरों असहमति के कारण Power Transfer की सहमति में समय लग सकता है। इसका नतीजा ये होगा कि इंदौर और भोपाल में इसके लागू होने में समय लग सकता है।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 नवंबर रविवार को भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि बढ़ती आबादी और भौगोलिक विस्तार के कारण कानून-व्यवस्था में पैदा हुईं नई समस्याओं के समाधान और अपराधियों पर बेहतर नियंत्रण के लिए ये सिस्टम लाया जा रहा है।

इस प्रणाली के लागू होने से धारा 144 लगाने, लाठीचार्ज करने से पहले कलेक्टर की अनुमति नहीं लेनी होगी। पुलिस खुद यह फैसला कर सकेगी। आदतन अपराधियों को सीधे जेल भेज सकेगी। ऐसे अपराधियों की जमानत पर फैसला भी कर सकेगी। धरना-प्रदर्शन की अनुमति भी इन्हीं से मिलेगी।

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ड्राफ्ट में जिन IAS से IPS को जो Power Transfer करने का जिक्र किया गया है वे इस प्रकार हैं। धारा 107 (शांति भंग करने का प्रयास), धारा 116 (झगड़ा करना या झगड़े का प्रयास करना), धारा 144 (शांति भंग होने या आपातकाल से बचाव के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश) 133 पुलिस एक्ट! मोटरयान अधिनियम NSA (राज्य सुरक्षा अधिनियम), जिला बदर, प्रिजनर्स एक्ट, अनैतिक देह व्यापार अधिनियम, शासकीय गोपनीय अधिनियम ट्रांसफर किए जाने का प्रस्ताव है।