भोपाल: प्रदेशभर में एक नवंबर से राजस्व रिकार्ड शुद्धिकरण के लिए एक अभियान चलाया जाएगा।
एक पखवाड़े तक चलने वाले इस अभियान में राजस्व रिकार्ड की त्रुटियों को सुधार कर रिकार्ड शुद्ध किया जाएगा।
इस अभियान के दौरान राजस्व अभिलेखों में सुधार करने की कवायद की जाएगी। नामांतरण और भूमि स्वामी का नाम आधार कार्ड के अनुसार सुधारा जाएगा। कुछ त्रुटियों को राज्य स्तर पर और कुछ त्रुटियों को जिला स्तर पर सुधारा जाएगा।
प्रदेशभर के राजस्व अभिलेखों में अभी कई अशुद्धियां है। डाटा में एकरुपता नहीं है। नागरिकों को उपलब्ध कराए जा रहे कम्प्यूटरीकृत अभिलेख पूर्णत: शुद्ध नहीं है। प्रचलित नाम अभिलेख में दर्ज करने तथा आधार में वास्तविक नाम में भिन्नता है। भूमिस्वामी के नाम में भी त्रुटियां है।
अभिलेखों के शुद्ध नहीं होंने से नागरिकों को तरह-तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पीएम किसान, फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पाता, बैंक से कर्ज लेने, नामांतरण और बटवारे में कर्मचारियों को कठिनाई होती है। रिकार्ड में बहुत से ऐसे भूस्वामी दर्ज है जिनकी मृत्यु हो चुकी है। खसरे, रकबा और नक्शे मे त्रुटियां है।
रिकार्ड में भूमिस्वामी के रुप में बड़ी बहू, छोटी बहू, मंझले भैया अप्रचलित नाम दर्ज है। इन सभी त्रुटिपूर्ण नामों को सुधारा जाएगा। हर जगह एक एक जैसे शब्दों और वाक्यों का उपयोग किया जाएगा। ,खसरा, रकबा और नक्शे संबंधित त्रुटियो को भी ठीक किया जाएगा।खसरा क्षेत्रफल सुधार, डाटा परिमार्जन का काम भी होगा।
प्रदेश में कुल 8 लाख 96 हजार से अधिक खसरा नंबर रिक्त पड़े है इन सभी में एंट्री की जाएगी। राज्य सरकार भू अभिलेखों का रियल टाईम संधारण भू अभिलेख पोर्टल पर कर रही है। रिकर्ड को अद्यतन रखने का समस्रस्त काम भूलेख पोर्टल पर किया जा रहा है।