MPPSC Interview : सुप्रीम कोर्ट का स्थगन से इंकार, राज्य सेवा के इंटरव्यू 9 अगस्त को होंगे!
Indore : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यसेवा परीक्षा-2019 की प्रक्रिया पर स्थगन (Stay) देने से इनकार कर दिया। अभ्यर्थियों ने विसंगतियों और नियमों के उल्लंघन का हवाला देकर इस परीक्षा की प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग सुप्रीम कोर्ट में की थी। याचिकाकर्ता छात्रों ने अंतरिम राहत के रूप में प्रक्रिया पर स्थगन देने की मांग भी कोर्ट से की थी। पीएससी ने प्रक्रिया रुकने से छात्रों की परेशानी बढ़ने की आशंका जताई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पहले की स्पष्ट कर चुके हैं कि पूरी प्रक्रिया अंतिम निर्णय के अधीन रहेगी। ऐसे में स्टे देने का कोई औचित्य नहीं है। मंगलवार को याचिका पर चौथी सुनवाई हुई। इस बीच मप्र लोकसेवा आयोग (PSC) ने शाम को ही इंटरव्यू की तारीख घोषित कर चयन प्रक्रिया आगे बढ़ाने की घोषणा कर दी।
परीक्षा प्रक्रिया पर स्थगन की मांग खारिज होने के बाद पीएससी ने घोषणा कर दी कि 9 अगस्त से राज्य सेवा-2019 के इंटरव्यू कराए जाएंगे। याचिकाकर्ता के वकीलों ने कोर्ट में कहा था कि पीएससी ने राज्यसेवा परीक्षा में सिविल सर्विस नियम 2015 का सीधा उल्लंघन किया है। परीक्षा प्रक्रिया में स्पेशल मेंस और नॉर्मलाइजेशन का प्रावधान ही नहीं है। एक चयन के लिए दो अलग-अलग परीक्षाएं भी नहीं ली जा सकती।
फिर से मुख्य परीक्षा की मांग
याचिका दायर करने वाले दीपेंद्र यादव ने परीक्षा प्रक्रिया रद्द कर फिर से मुख्य परीक्षा आयोजित करने की मांग की थी। अंतरिम राहत के तौर पर प्रक्रिया पर रोक लगाने (स्टे) की मांग भी कोर्ट में रखी थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर मप्र लोकसेवा आयोग (पीएससी), मप्र शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पीएससी ने मंगलवार को जवाब पेश कर दिया। पीएससी के वकीलों ने कोर्ट से कहा कि चार वर्ष से राज्यसेवा-2019 की प्रक्रिया लंबित है। इतने वर्षों में प्रक्रिया पूरी नहीं होना विद्यार्थियों के हित में नहीं है। हालांकि, मप्र शासन की ओर से जवाब के लिए और समय मांगा गया। याचिका पर अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।
रिजल्ट बदलने को लेकर कोर्ट गए
जब दूसरी बार के रिजल्ट में नॉर्मलाइजेशन का फार्मूला लगाकर नया रिजल्ट पुराने और नए चयनित अभ्यर्थियों को मिलाकर घोषित किया गया। इसके बाद इंटरव्यू में पात्र उम्मीदवारों की नई सूची घोषित की गई। ओबीसी आरक्षण पर लंबित विवाद के कारण मुख्य भाग में 1460 और प्राविधिक भाग में कुल 523 उम्मीदवारों को इंटरव्यू में शामिल किया गया। इस बीच विशेष परीक्षा और बार-बार बदले रिजल्ट को चुनौती देते हुए कुछ उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
यह परीक्षा कई विवादों में रही
राज्य सेवा-2019 अब तक की यह सबसे विवादित परीक्षा है। इसमें 571 पद घोषित हैं। इसकी मुख्य परीक्षा के नतीजे दो बार बदल चुके हैं। पहले इंटरव्यू तक प्रक्रिया पहुंची, लेकिन सिविल सर्विस नियम 2015 का उल्लंघन होने पर हाईकोर्ट के आदेश पर पहले घोषित रिजल्ट रद्द कर दिया गया। दोबारा मुख्य परीक्षा की घोषणा की गई। बाद में अन्य उम्मीदवार कोर्ट पहुंचे तो हाईकोर्ट से नया आदेश आया। इसके बाद फिर रिजल्ट बदला गया। पीएससी ने नई चयन सूची जारी कर 2700 उम्मीदवारों विशेष मुख्य परीक्षा आयोजित की।