MP के बाजारों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, उपभोक्ता हित संरक्षण की जिम्मेदारी अब MSME को

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के साथ समन्वय कर करेगा काम

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MP के बाजारों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, उपभोक्ता हित संरक्षण की जिम्मेदारी अब MSME को

भोपाल. मध्यप्रदेश के बाजारों में व्यापारिक संस्थानों, व्यापारियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और उपभोक्ता हितों के संरक्षण की जिम्मेदारी अब मध्यप्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग को दी गई है वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के साथ समन्वय कर इस काम को अंजाम देगा।

राज्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के सचिव को इसके लिए नोडल अधिकारी नामांकित किया गया है।एमएसएमई इसके लिए नोडल विभाग होगा। मध्यप्रदेश में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए एमएसएमई सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध टेंडर दस्तावेजों और नीति दस्तावेजों, बिलों का अध्ययन करके संभावित प्रतिस्पर्धा के संबंध में तथ्य निकालकर उन्हें राज्य सरकार के ध्यान में लाएगा। विभागों के उपार्जनकर्ता अधिकारियों के लिए राज्य में विभिन्न स्थानों पर प्रतिस्पर्धा कानून पर कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रशिक्षण देकर प्रतिस्पर्धा कानून पर जागरुकता फैलाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

प्रतिस्पर्धा कानून को ध्यान में रखते हुए राज्य के कानूनों का आंकलन भी कराया जाएगा। इसके बाद उनमें जरुरत होंने पर संशोधन कराया जाएगा और गैर जरुरी प्रावधान समाप्त किए जाएंगे। किसी नए नियम-कानून की आवश्यकता होगी तो उन्हें भी राज्य सरकार से अनुशंसा कर लागू कराया जाएगा। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग जो भी निर्देश देगा उनके अनुसार मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग कार्यवाही करेगा।

यह होगा फायदा-

व्यापारियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्वर्धा बढ़ाने से उपभोक्ताओं को ज्यादा फायदा होगा। पूरे प्रदेश में एक समान नियम-कानून, प्रावधान इसके लिए लागू किए जाएंगे जिससे सभी व्यवसाईयों को व्यापार करने के समान अवसर प्राप्त होगे। सभी को पर्याप्त मुनाफा भी मिलेगा। उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी। उच्च गुणवत्ता की सामग्री, सही वजन, एक्सपायरी अवधि सभी पर फोकस होगा और बाजार से मिलावटी सामान, वजन में कमी, दूषित वस्तुओं को बाहर करने में मदद मिल सकेगी।