पानी की लाइन की खुदाई के दौरान मिले मुगलकालीन सिक्के

535

पानी की लाइन की खुदाई के दौरान मिले मुगलकालीन सिक्के

भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट

भिंड: जिले के गोहद में जलावर्धन योजना के तहत पानी की पाइप लाइन की खुदाई के दौरान मुगल कालीन चांदी के सिक्के मिले हैं। सड़क की खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तन में कुल 113 सिक्के मिले हैं। इन सिक्कों पर उर्दू और फारसी भाषा में अलग-अलग शासकों के नाम अंकित है। जिसमें आलमजहांगीर प्रथम, औरंगजेब, बादशाह आलम लिखा है। इन सिक्कों को पुलिस ने जब्त कर लिया और इन्हें पुरातत्व विभाग को सौंपे जाने की बात कही जा रही है।

दरअसल गोहद नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड 11 में जलावर्धन योजना के तहत पानी की पाईप लाईन बिछाने के लिए सड़क की खुदाई की जा रही है। मजदूर फावड़े से खुदाई का काम कर रहे थे, उसी दौरान उनका फावड़ा एक मिट्टी के बर्तन से टकरा गया। मिट्टी का बर्तन बाहर निकाला तो मजदूरों के होश उड़ गए। मिट्टी के बर्तन में कई पुराने सिक्के थे। जैसे ही मजदूरों ने इसकी चर्चा की तो खुदाई स्थल के नजदीक ही रहने वाले राजकुमार गुर्जर की नीयत खराब हो गई और उसने सिक्कों से भरी मटकी को मजदूरों से छुड़ाकर अपने घर में छिपा दिया दी। लेकिन इसकी सूचना पुलिस प्रशासन तक पहुंच गई।

सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने राजकुमार गुर्जर के घर से सिक्कों से भरी मटकी को जप्त किया। फिर उसे स्टील के बर्तन में डालकर धोया तो सिक्के चमक उठे। उसकी गिनती करने पर 113 चांदी के सिक्के मिले। सिक्के पर उर्दू और फ़ारसी भाषा में अलग-अलग शासकों के नाम अंकित थे। उनको पढ़ाने के लिए मौके पर एक काजी को बुलाकर पढ़ाया गया। जिसमें आलमजहांगीर प्रथम, औरंगजेब, बादशाह आलम लिखा था। जिसके आधार पर यह सिक्के मुगलकालीन शासकों के बताए जा रहे हैं।

गोहद टीआई मनीष धाकड़ और गोहद एसडीएम पराग जैन ने और भी खजाना निकलने की आशंका के चलते मौके पर जेसीबी मशीन बुलाई और उस जगह की खुदाई शुरू करा दी। अंधेरा अधिक हो जाने की बजह से खुदाई ज्यादा नहीं हो सकी। हालांकि पुरातत्व विभाग की टीम को भी बुलाया गया है जो इन सिक्कों की जाँच पड़ताल करेगा।

आपको बता दें कि गोहद में किला मौजूद है जिसे 15वीं शताब्दी में यहाँ जाट राजा सिंह देव ने बनवाया था। जानकारों का कहना है कि जिस जगह चांदी के सिक्के मिले हैं वहां आसपास माणिक चौक, राजा के समय के मंदिर और दुर्ग हैं। यहां पर पहले भी खुदाई में सिक्के मिल चुके हैं।

देखिए वीडियो: क्या कह रहे हैं, पराग जैन (एसडीएम, गोहद)-