Music Night : लता मंगेशकर के गीतों से गूंजा गुलाब चक्कर और शौर्य पूर्वक मनाया क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह का जन्मोत्सव!

त्रकधा म्यूजिकल ग्रुप का भव्य आयोजन- संगीत, संस्कृति, राष्ट्रीयता और सामाजिक संदेशों से सजी अविस्मरणीय शाम!

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Music Night : लता मंगेशकर के गीतों से गूंजा गुलाब चक्कर और शौर्य पूर्वक मनाया क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह का जन्मोत्सव!

Ratlam : भारत रत्न स्वर कोकिला लता मंगेशकर के जन्मदिवस अवसर पर नवश्रृंगारित गुलाब चक्कर का ऐतिहासिक स्थल संगीत और सुरों से सरोबार हो उठा। अवसर था त्रकधा म्यूजिकल ग्रुप द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि समारोह का जिसमें लता मंगेशकर के अमर गीतों ने पूरे वातावरण को स्वरलहरियों से भर दिया।

जैसे ही “सत्यम शिवम सुंदरम”, “तेरा साथ है तो”, “दिल तो है दिल”, “सोलह बरस की बाली उमर”, “आपकी नजरों ने समझा” और ग्रुप ऑनर देव सर नें “कभी तू नूरी लगती है” प्रस्तुति से तो पूरा गुलाब चक्कर मानो संगीतमय आभा से गुलजार हो उठा। इसके साथ “आदमी मुसाफिर है”, “प्यार हुआ इकरार हुआ”, “देखो मैंने देखा है ये इक सपना”, “हुस्न पहाड़ों का” और “जब हम जवां होंगे” जैसी प्रस्तुतियों पर दर्शक तालियों की गड़गड़ाहट से झूम उठे।

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ग्रुप संयोजक देव विष्णु प्रसाद कंडारे और उषा राणा, हरीश गेहलोत, भूमिका गामड़, आशीष मिश्रा, मीना महावर, कृष्णकांत महावर, हेमा गेहलोत, रतन चौहान, देवसर, गीता बोरासी, नमेंद्र खरे, सेहरीश फातिमा और शिल्पा डाबी ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह आयोजन त्रकधा का लता मंगेशकर को समर्पित पांचवां विशेष कार्यक्रम था। जिसे दर्शकों ने दिल खोलकर सराहा साथ ही युवा क्रांतिकारी वीर शहीद भगत सिंह का जन्मोत्सव भी बड़े ही शौर्यपूर्ण अंदाज में मनाया गया।

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि न्यायाधीश एवं जिला सेवा प्राधिकरण सचिव नीरज पवैया और विशेष अतिथि सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. लेखराज पाटीदार (गीता देवी हॉस्पिटल) तथा जनसंपर्क अभियान परिषद संयोजक रत्नेश विजयवर्गीय, वाइस प्रिंसिपल सुनील निरंजनी, संजय सरल मौजूद रहें। सभी अतिथियों ने त्रकधा कलाकारों की लगन और समर्पण की भूरी भूरी प्रशंसा की और भविष्य में भी सहयोग का आश्वासन दिया। बालिका सेहरीश फातिमा की प्रतिभा को देखकर सभी ने उसके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम में गीत-संगीत के साथ सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश भी गूंजे। राष्ट्रीय एकता और समरसता पर आधारित नाटक का मंचन हुआ जिसमें कृष्णा सोनगरा, बालकृष्ण तिवारी, विजय राठोड, द्रोपदी देवतवाल, पवन मालवीय, देवेन्द्र सिंह भदौरिया, जितेन्द्र मिश्रा, हेमंत सोनगरा आदि ने अपने अभिनय से सबका मन मोह लिया। तत्पश्चात भिन्न विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े 251 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को साहित्य, संगीत और अन्य गतिविधियों में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग की और से कुपोषण मुक्ति हेतु शपथ जनसंपर्क अभियान परिषद संयोजक रत्नेश विजयवर्गीय द्वारा दिलाई गई। वहीं स्वदेशी जागरण मंच की ओर से क्विज प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें स्वदेशी वस्तुओं पर आधारित प्रश्न पूछे गए और सही उत्तर देने वाले प्रतिभागियों को तुरंत पुरस्कार प्रदान किए गए।

आयोजन का विशेष आकर्षण रहा हर घर तिरंगा- हर घर स्वच्छता अभियान, जिसके अंतर्गत खचा-खच भरें गुलाब चक्कर में 3251 बार उद्घोष कर नया रिकॉर्ड बनाया गया। इस पहल ने न केवल स्वच्छता का संदेश दिया बल्कि राष्ट्रप्रेम की भावना को भी प्रज्वलित किया। सुरों से सजी इस शाम को सीएस. ऊटवाल ने बेंजो पर मधुर धुनों से और भी खास बना दिया। वहीं, गुलाब चक्कर के इतिहास में पहली बार पंडित बालकृष्ण तिवारी द्वारा किए गए शंखनाद ने पूरे वातावरण को ऊर्जा और पवित्रता से भर दिया। संगीत निशा का संचालन जिला विधिक न्यायालय पीएलवी देवेंद्र सिंह भदोरिया ने तथा देव विष्णुप्रसाद कण्डारे ने आभार माना!