
Namibian Cheeta Dies at Kuno: कुनो नेशनल पार्क में नामीबियाई मादा चीता ‘नाभा’ की मौत, गंभीर चोटें बनीं वजह, अब बचे 26 चीते
भोपाल: मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाई गई मादा चीता ‘नाभा’ की मौत ने एक बार फिर भारत के महत्वाकांक्षी चीता पुनर्वास प्रोजेक्ट को चर्चा में ला दिया है। अफ्रीकी चीतों को भारत में बसाने की ऐतिहासिक कोशिशों के बीच यह घटना चिंता का विषय बन गई है। अधिकारियों ने बताया कि नाभा की मौत शिकार के दौरान आई गंभीर चोटों के चलते हुई।
शनिवार, 12 जुलाई 2025 को कुनो नेशनल पार्क (शिवपुरी, मध्य प्रदेश) में आठ वर्षीय मादा चीता ‘नाभा’ की मौत हो गई। नाभा को सितंबर 2022 में नामीबिया से भारत लाया गया था, जहां वह पार्क के ‘सॉफ्ट रिलीज़ एनक्लोजर’ में रह रही थी।
चीता परियोजना के क्षेत्र निदेशक उत्तम शर्मा ने बताया- “नाभा एक सप्ताह पहले, संभवतः अपने बाड़े के अंदर शिकार के प्रयास के दौरान बुरी तरह घायल हो गई थी। उसके बाएं पैर की अलना और फिबुला दोनों हड्डियों में फ्रैक्चर था, साथ ही अन्य चोटें भी थीं। उसे लगातार इलाज दिया गया, लेकिन चोटें इतनी गंभीर थीं कि शनिवार को उसकी मौत हो गई।”
अधिकारियों ने आगे बताया कि नाभा का पोस्टमॉर्टम किया गया है और विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद मौत की पूरी वजह स्पष्ट होगी।
“कुनो में अब कितने चीते बचे..?
नाभा की मौत के बाद कुनो नेशनल पार्क में अब 26 चीते बचे हैं। इनमें 9 वयस्क (6 मादा, 3 नर) और 17 शावक शामिल हैं। दो नर चीते गांधीसागर स्थानांतरित किए गए हैं, वे भी स्वस्थ हैं। पार्क के 16 चीते अभी जंगल में हैं और उनकी हालत अच्छी है। क्षेत्र निदेशक शर्मा के मुताबिक- “ये चीते अपने नए आवास के साथ अच्छी तरह तालमेल बिठा चुके हैं, सह-शिकारियों के साथ रहना सीख लिया है और नियमित रूप से शिकार कर रहे हैं। हाल ही में सभी चीतों को एक्टो-पैरासाइटिक दवा भी दी गई है।”
दो मादा चीते- वीरा और निरवा अपने नवजात शावकों के साथ स्वस्थ हैं। पार्क प्रशासन का कहना है कि बाकी सभी चीते भी फिलहाल पूरी तरह स्वस्थ और सक्रिय हैं।
“पृष्ठभूमि:
भारत में चीता पुनर्वास परियोजना सितंबर 2022 में शुरू हुई थी, जब नामीबिया से आठ चीते और फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते कुनो लाए गए थे। पिछले साल गर्मी के दौरान तीन शावकों की मौत के बाद पार्क में सोलर वॉटर लिफ्ट सिस्टम भी लगाया गया था ताकि चीतों को गर्मी से राहत मिल सके।
निष्कर्ष:
नाभा की मौत से कुनो प्रोजेक्ट को झटका जरूर लगा है, लेकिन अधिकारी बाकी चीतों की सेहत और अनुकूलन को लेकर आश्वस्त हैं। विस्तृत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की असली वजह और स्पष्ट हो सकेगी।





