भोपाल: मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के उदयपुर गाँव में 11वीं सदी की विशाल नंदी प्रतिमा मिली है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज ग्राम वासियों को खेत में अचानक एक नंदी की प्रतिमा का अग्रभाग निकला दिखाई दिया। इसे और खोजने पर एक पूर्ण आकार की नंदी की प्रतिमा ज़मीन में गढ़ी हुई पाई गई । ग्राम वासियों द्वारा इसकी सूचना प्रशासन, पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ ही भारतीय संस्कृति निधि INTACH को भी दी गयी। ग्राम उदयपुर, विदिशा जिले में गंज बसौदा से 15 किलोमीटर दूर स्थित है।
मध्यप्रदेश इंटेक के राज्य संयोजक और पूर्व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मदन मोहन उपाध्याय ने बताया कि उदयपुर
10वीं और 11वीं शताब्दी में राजा उदय आदित्य के समय एक प्रमुख धार्मिक केन्द्र रहा और यहां का नीलकंठेश्वर शिव मंदिर तथा नटराज की विशालतम प्रतिमा विख्यात है।
उन्होंने बताया कि यह स्थान 10वीं और 11वीं शताब्दी में शिव आराधना का एक प्रमुख केंद्र स्थापित होना प्रतीत होता है। यहां 10वीं और 11वीं शताब्दी के विरासत और ऐतिहसिक महत्व के मंदिरों में शिव को विभिन्न रूपों में स्थापित हुआ पाया जाता है । उदाहरण के लिए विश्व की सबसे बड़ी नटराज प्रतिमा यहाँ है।
11वीं शताब्दी के नीलकंठ महादेव मंदिर के बाद खेत में मिली नंदी प्रतिमा इसी कड़ी से जुड़ी प्रतीत होती है।
श्री उपाध्याय ने बताया कि ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस नंदी के निकट ही कोई मंदिर रहा होगा और नंदी प्रतिमा का जिस तरफ मुख भाग है उसी तरफ मन्दिर का गर्भ गृह एवं प्रमुख हिस्सा रहा होगा । नन्दी प्रतिभा सीधी बैठी हुई है जो यह दर्शाती है कि इसके नीचे पक्का पत्त्थर का आधार है और यदि आने वाले समय में आसपास इसके साफ-सफाई की जाये तो इस नंदी से जुड़े और भी पुरातत्व महत्व की मूर्तियां मिलने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में ग्रामवासियों द्वारा इस स्थान की सुरक्षा की जा रही है। साथ ही सभी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भी इसे टूट-कूट से बचाने के लिए अवश्यक पहल की जा रही है।