Narottam’s Attack On Congress: कांग्रेस आदिवासी विरोधी, ये कई बार साबित हुआ   

गृहमंत्री ने कहा, ये बात जमुना देवी और उमंग सिंगार दोनों ने कही  

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(Harsh firing)

Indore : प्रदेश के गृहमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा बुधवार को इंदौर पहुंचे। पहले वे रेसीडेंसी कोठी पहुंचे। यहाँ उन्होंने मीडिया से बात करते हुए दिग्विजय सिंह और कांग्रेस को आदिवासी विरोधी बताया। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ये बात उनकी ही पार्टी के लोग कहते रहे हैं।

गृहमंत्री ने कल भोपाल की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के ट्वीट ‘क्या राज्यपाल किसी एक पार्टी के प्रचारक के रूप में कार्य कर सकता है? क्या ऐसे राज्यपाल महोदय से विपक्ष कोई उम्मीद कर सकता है?’ संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है और यह करना कांग्रेस का स्वभाव है। दिग्विजय सिंह हमेशा से आदिवासियों के विरोधी रहे हैं। ऐसा मैं नहीं, बल्कि इनकी सरकार में वन मंत्री रहे उमंग सिंघार ने कहा था। जब दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे, तब उनकी उप मुख्यमंत्री जमुना देवी ने कहा था कि मैं दिग्विजय सिंह की भट्टी में जल रही हूं।

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उस समय भी मुख्यमंत्री आदिवासी नेता शिवभानुसिंह सोलंकी बनने वाले थे, जिन्हें नहीं बनने दिया गया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आदिवासियों के प्रति कांग्रेस का सोच क्या है! उन्होंने कहा कि राज्यपाल आदिवासी वर्ग से आते हैं, इसलिए दिग्विजय सिंह इस तरह की बात करते है। उन्होंने महामहिम के दुपट्टे पर भी ट्वीट किया, जबकि वो दुपट्टा हेलीकॉप्टर से उतरते समय किसी कार्यकर्ता ने डाल दिया था। इस तरह के ट्वीट निंदनीय और चिंताजनक हैं।

कांग्रेस चुनाव में क्यों नहीं आई

पंचायत चुनाव टलने को लेकर कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे सवाल के जवाब में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम कुछ भी करेंगे, तो कांग्रेस कमियां निकालेगी ही। वो सही नहीं बता रहे है कि हम आरक्षण समेत चुनाव में गए, तो कांग्रेस कोर्ट क्यों गई चुनाव में क्यों नहीं उतरी! कांग्रेस को चाहिए था कि वो चुनाव में आती! लेकिन, जितने भी उपचुनाव हुए सभी में कांग्रेस हारी तो वो हर चुनाव से अब डरने लगी है। बुजुर्ग नेतृत्व है इस कारण से वो चुनाव में नही आना चाहते, इसलिए कमियां निकालते है।

मिश्रा ने कहा की अंग्रेजी के दो ‘के’ थे, जिसमें बीजेपी के 3 साल चले गए। जिसमें एक कोरोना और एक कमलनाथ थे।15 महीने कांग्रेस की सरकार में एक भी व्यक्ति को 4000 रुपए महीने का भुगतान नहीं मिला, जो कांग्रेस ने उनके घोषणा पत्र में कहा था। रोजगार के नाम पर कांग्रेस की सरकार ने 15 महीने में कोई वैकेंसी नहीं निकाली।

पुलिस विभाग में हमने 6 हजार पद निकाले है। कोरोना की पहली लहर के दौरान बीजेपी की सरकार बनी तो दूसरे दिन लॉक डाउन  लग गया था। उसमें भी बीजेपी सरकार ने घर-घर राशन की व्यवस्था कराई थीं। कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि तीनों लहरों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कही नहीं दिखे। विपदा की स्थिति में कमलनाथ और दिग्विजय को भी किसी भी अस्पताल में नहीं देखा गया। लेकिन, विपदा की स्थिति में मुख्यमंत्री, विधायक सांसद, मंत्री सभी जनता के बीच मौजूद रहे।