National Honor : पूर्व IAS मनोज श्रीवास्तव को मिला ‘कबीर सम्मान’, अलग-अलग विषयों पर 37 किताब लिख चुके है मनोज

पुरस्कार बीमार चल रहे पिताजी को समर्पित किया

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National Honor : पूर्व IAS मनोज श्रीवास्तव को मिला

‘कबीर सम्मान’

Bhopal : भोपाल में आयोजित एक गरिमामय समारोह में पूर्व IAS और राज्य शासन में अपर मुख्य सचिव रहे मनोज श्रीवास्तव को राष्ट्रीय कबीर सम्मान से सम्मानित किया गया। रविंद्र भवन में एक समारोह में उन्हें यह सम्मान प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मनोज को प्रशस्ति पत्र के साथ-साथ 3 लाख का चेक भी सौंपा।

मनोज श्रीवास्तव हिंदी भाषा में कई अलग-अलग विषयों पर 37 किताब लिख चुके हैं। वे इंदौर सहित कई जिलों के कलेक्टर ,आबकारी आयुक्त, जनसंपर्क आयुक्त के बाद मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव जैसे पदों पर रहे हैं। वे मंत्रालय भोपाल में कई विभागों के प्रमुख सचिव के साथ पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में अपर मुख्य सचिव रहे।

लोकप्रिय प्रशासक रहे मनोज श्रीवास्तव ने राम और रामायण के अलावा भारतीय संस्कृति पर कई किताबें और पत्र पत्रिकाओं में लेख लिखे। वे लोकप्रिय लेखक भी रहे हैं। उनकी चर्चित रचनाओं में शिक्षा में संदर्भ और मूल्य, पशुपति, स्वर अंकित, करान कविताएं, मां, हिरण्यगर्भा, सती प्रसंग जैसी किताबें हैं। उन्होंने सुंदरकांड के भी 18 खंड लिखे हैं।

कबीर सम्मान से पहले मनोज श्रीवास्तव को अयोध्या में ‘राम किंकर पुरस्कार’ और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद पुरस्कार के अलावा नेहरू केंद्र लंदन द्वारा ‘इंटरनेशनल वातायन’ पुरस्कार भी मिला है। केंद्रीय हिंदी संस्थान ने भी उन्हें 5 लाख और प्रशस्ति पत्र सहित ‘विवेकानंद पुरस्कार’ से भी सम्मानित किया था।

वे कई जिलों में कलेक्टर रहते हुए अपनी कार्यशैली से बेहद लोकप्रिय भी रहे। उन्होंने शासकीय योजनाओं का क्रियान्वयन इस तरह किया कि उसका लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। वे अच्छे प्रशासक, अच्छे लेखक के अलावा अच्छे संवेदनशील व्यक्ति के रूप में भी जानते हैं। लोगों को मानना है कि मनोज श्रीवास्तव के व्यवहार में उनके लेखक होने की छवि झलकती है।

मनोज श्रीवास्तव

कबीर सम्मान के बाद मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि वे यह सम्मान पाकर गौरव अनुभूति कर रहे हैं। कबीर के नाम पर मध्य प्रदेश शासन के इस सबसे बड़े पुरस्कार को पाकर उन्हें बेहद ख़ुशी हुई। प्रशासनिक सेवा में आने से पहले जब वे असिस्टेंट प्रोफेसर थे, तब भी उन्होंने कबीर को पढ़ा और छात्रों को पढ़ाया।

एक कक्षा में पढ़ाते कबीर को पढ़ाते हुए उनका आधा साल निकल जाता था। पाठ्यक्रम का बाकी हिस्सा वे छुट्टी के दिन और अतिरिक्त क्लास लेकर पूरा करते थे। कबीर के प्रति उनके दिल में बहुत ज्यादा सम्मान है और ये सम्मान मिलने की ख़ुशी को वे व्यक्त नहीं कर पा रहे।

उन्होंने अपने निवास पर जाकर पुरस्कार अपने पिताश्री को समर्पित किया जो इन दिनों बीमार चल रहे हैं। उनकी पत्नी मुक्ति श्रीवास्तव भी इस मौके पर मौजूद थी।

और किन्हें मिले पुरस्कार
इस सम्मान समारोह में 2019 और 20220 वर्ष के सम्मान और पुरस्कार दिए गए। डॉ विनय राजा राम को भी मनोज श्रीवास्तव के साथ राष्ट्रीय कबीर सम्मान, शिवकुमार तिवारी और डॉक्टर सच्चिदानंद जोशी को राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, कैलाश मंडलेकर और विजय मनोहर तिवारी को राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान, जाकिया मसहदी और प्रोफ़ेसर अली अहमद फातमी को राष्ट्रीय बाल सम्मान दिया गया। सत्यनारायण सत्तन को वर्ष 2021 का राष्ट्रीय कवि प्रदीप सम्मान से सम्मानित किया गया।