NCRB : नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की कांफ्रेंस में स्टेट सायबर सेल देश में सेकंड

श्रेष्ठ 10 केस स्टडी में इंदौर का क्रिप्टो करंसी फ्रॉड खुलासा सराहा

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Indore : नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) यानी राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो ने बुधवार को दूसरी राष्ट्रीय कान्फ्रेंस स्टेट सायबर नोडल आफिसर्स का आयोजन किया। इसमें देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए, इसमें सायबर क्राइम से जुड़ी 100 से अधिक केस स्टडी प्राप्त हुई। इनमें से श्रेष्ठ 10 केस स्टडी को प्रस्तुतिकरण के लिए चुना गया, जिसमें राज्य साइबर सेल भोपाल झोन के इंदौर द्वारा दर्ज ‘क्रिप्टो करंसी धोखाधड़ी’ मामले को पूरे देश में दूसरा स्थान प्रदान किया गया।
सायबर सेल एसपी जितेन्द्रसिंह के अनुसार आवेदक पीयूष सिंह क्रिप्टो बेस्ड प्रोडक्ट के क्लाइंट थे। जापान के रियोत केशी कुबो के साथ अज्ञात आरोपी ने धोखाधड़ी करके सर्वर से लाग्स मिटाने, कंप्यूटर कोड से छेड़छाड़ कर 25 बीटी एवं 30 ईटीएच जो कि भारतीय रुपए में करीब 6 करोड़ 70 लाख रुपए होते हैं की धोखाधड़ी की! इस शिकायत पर सायबर सेल ने धारा 43, 65, 66, 66 डी आईटी एक्ट एवं 34, 408, 419, 420 भादवि का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया था। जांच में पता चला कि जापान के क्लाइंट के लिए आवेदक के लिए कंपनी ने ऑनलाइन 3 प्रोडक्ट बनाए।
इन प्रोडक्ट का उपयोग कर कोई भी यूजर अपना डिजिटल वॉलेट बना सकता है और इस वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी स्टोर कर निवेश और ट्रांसफर कर सकता है। इस दौरान उपयोगकर्ता को जो रिवॉर्ड और बोनस मिलता है, वह इसी अकाउंट में क्रेडिट होता है। जांच में पता चला कि आरोपी पूर्व में आवेदक की ही कंपनी में काम करता था। उसने गोपनीय जानकारियों का गलत उपयोग कर आवेदक के जापानी क्लाइंट के फर्जी यूजर बना दिए और क्रिप्टो का फर्जी इन्वेस्ट दिखाया, जिससे आरोपी को प्रतिदिन रिवार्ड्स मिलने लगे।

ऐसे किया धोखा
आरोपी इस करेंसी को अपने और परिजनों के क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर कर लेता था। कई सूक्ष्म जांच और क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज वेझिक्ज से मिली जानकारी पर संदिग्ध वॉलेट एड्रेस पर बिटकॉइन ट्रांसफर होना पाया गया। जांच आधार पर सायबर सेल ने आरोपी संदीप गोस्वामी निवासी सागर (मप्र) को वृंदावन से गिरफ्तार कर इंदौर लाया गया। पूछताछ में पता चला कि कि आरोपी पुलिस से बचने के लिए 2 माह से वृंदावन में 15 हजार रुपए महीने के किराए के मकान में रह रहा था और अपनी संपत्ति बेचकर विदेश भागने की तैयारी में था। इस अपराध की जांच में साइबर सेल इंदौर के निरीक्षक राशिद अहमद, एसआई संजय चौधरी, एएसआई प्रभाकर महाजन, रामपाल, आरक्षक विवेक मिश्रा, आरक्षक राकेश बामनिया, गजेन्द्र सिंह राठौर, विक्रांत तिवारी की महत्वपूर्ण भूमिका थी।