New Cola War : ‘कैम्पा कोला’ अब ‘रिलायंस’ का, शुरू होगा नया कोला वार 

रिलायंस ने कैंपा कोला को बाजार में तीन स्वाद में उतारने की तैयारी की! 

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New Cola War : ‘कैम्पा कोला’ अब ‘रिलायंस’ का, शुरू होगा नया कोला वार 

Mumbai : मुकेश अंबानी अब अपना कारोबार FMCG में बढ़ाने जा रही है। इस प्लान के तहत रिलायंस ने दिल्ली के ‘प्योर ड्रिंक’ ग्रुप के साथ 22 करोड़ की डील में कैंपा कोला का अधिग्रहण किया है। इसके बाद रिलायंस की सीधी टक्कर ‘कोका-कोला’ और ‘पेप्सिको’ के साथ होगी। रिलायंस कैंपा कोला को नींबू, नारंगी और कोला इन तीन स्वाद में बाजार में उतारने की तैयारी कर रही है।

रिलायंस अपनी इस शुरुआत के पहले चरण में अपने रिटेल स्टोर्स, जियोमार्ट और किराना स्टोर्स में कैंपा कोला बेचेगी। 1977 में कोका कोला के भारत से बाहर जाने के बाद जिस कैंपा कोला ने उसकी कमी को पूरा किया था, वह अब दोबारा मार्केट में आने वाला है। कैंपा कोला की कहानी भी अजीब है। शायद किसी भी कोल्ड ड्रिंक का जन्म ऐसे नहीं हुआ होगा, जैसे इस कोल्ड ड्रिंक का हुआ था।

सन 1977 में देश में लगा आपातकाल खत्म हुआ था और जनता पार्टी सत्ता में आई थी। नई सरकार का नजरिया राष्ट्रवाद और लोकल ब्रांड को आगे बढ़ाने का रहा था। ऐसे में जनता पार्टी की मोरारजी सरकार ने अमेरिकी कंपनी ‘कोका-कोला’ के सामने देसी प्रोडक्ट को आगे बढ़ाने की पहल की। कहा गया कि कोका-कोला को अपना सीक्रेट फॉर्मूला छोड़ना होगा।

सरकार को पता था ‘कोका-कोला’ अपना सीक्रेट फॉर्मूले नहीं छोड़ेगी और उसे देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ेगा। वही हुआ भी! कोका कोला ने भारत छोड़ दिया और कोल्ड ड्रिंक के एक बड़े मार्केट में खालीपन आ गया। कोका-कोला के बाद भारतीयों को इसका विकल्प चाहिए था, जिसकी पहल शुरू हुई। सरकार ने इसे मौका समझा और बदलाव के साल को चिह्नित करने के लिए ‘डबल 7’ (77) नाम से अपना कोला ब्रांड लॉन्च कर दिया।

‘डबल 7’ का स्वाद कोका-कोला से बिल्कुल अलग था, जो पसंद नहीं किया गया। ऐसे समय में दिल्ली की कंपनी ‘प्योर ड्रिंक्स’ ने मौके को भांपते हुए कैंपा-कोला सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में उतार दिया। कैंपा-कोला की ब्रांडिंग, स्वाद और कोका कोला जैसा रंग पसंद किया गया। उसे बाजार में अच्छी हिस्सेदारी का मौका मिला। साथ में पारले ने भी ‘थम्स अप’ ड्रिंक लॉन्च की, जो बड़ी हिट साबित हुई।

अब कोला इंडस्ट्री में दो मेन कॉम्पिटिटर थे, कैम्पा-कोला और थम्स-अप। कैम्पा-कोला अपने प्रोडक्ट की कीमत कम करके प्राइस वॉर में लगा था। लेकिन, थम्स-अप ने एक अलग रणनीति अपनाई। कीमत कम करने के बजाय, उसने बोतल का साइज 200 मिली से बढ़ाकर 250 मिली कर दिया और इसकी मार्केटिंग ‘महा कोला’ के रूप में की। इसका परिणाम यह हुआ कि थम्स-अप मार्केट लीडर बन गया। लेकिन, कांग्रेस की वापसी के साथ ही कोका कोला फिर देश का मार्केट लीडर बन गया। अब रिलायंस के कैम्पा कोला खरीदने के बाद नया मार्केट वार शुरू होने वाला है।