नव आरक्षक सीखेंगे स्वदेशी मार्शल आर्ट AI के जरिए आधुनिक और सक्षम प्रणाली से भी जुड़ेंगे

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नव आरक्षक सीखेंगे स्वदेशी मार्शल आर्ट AI के जरिए आधुनिक और सक्षम प्रणाली से भी जुड़ेंगे

 

भोपाल: मध्यप्रदेश पुलिस में हाल में भर्ती आरक्षकों के प्रशिक्षण में कई नवाचार और आधुनिक तत्व शामिल किए गए हैं, जिससे प्रशिक्षण अधिक प्रभावी, समसामयिक और समावेशी बन सके। इन नए पहलुओं का उद्देश्य शारीरिक दक्षता और तकनीकी कौशल को बढ़ाना है, बल्कि भावनात्मक और बौद्धिक विकास पर भी ध्यान देना है। इसके लिए स्वदेशी मार्शल आॅर्ट मलखंभ जैसे खेलों को भी इसके पाठ्यक्रम में शामिल करना और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए वर्तमान दौर की सक्षम प्रणाली से भी इन्हें जोड़े रखने का काम पुलिस प्रशिक्षण में होगा। यह पुलिस ट्रैनिंग की नई पॉलिसी में शामिल किए गए हैं। जिसमें पीटीएस के सर्किट ट्रैनिंग एरिया को विकसित करने की भी योजना शामिल हैं।

 

*इनडोर प्रशिक्षण पाठ्य सामग्री का डिजिटलीकरण:*

अब प्रशिक्षण की सभी इनडोर विषयवस्तु को डिजिटल फॉर्मेट में रूपांतरित किया जा रहा है, जिससे कैडेट्स को कहीं भी, कभी भी पढ़ाई की सुविधा मिल सकेगी। आईगोट कर्मयोगी प्लेटफॉर्म का भी प्रमुखता से इस्तेमाल करने को आरक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे प्रशिक्षण की गुणवत्ता भी सुनिश्चित होगी। वहीं प्रत्येक पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय (पीटीएस ) में सर्किट प्रशिक्षण क्षेत्र विकसित किया गया है, जिसमें कैडेट्स की शारीरिक फिटनेस, सहनशक्ति और कौशल को एक नियोजित क्रम में विकसित करने के लिए तैयार किए गए हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के बाधा कोर्स, रस्सी चढ़ाई, क्रॉलिंग और दौड़ आदि शामिल हैं।

 *स्वदेशी मार्शल आर्ट विधाओं को अपनाना*

पुलिस प्रशिक्षण में अब पारंपरिक भारतीय युद्ध कलाओं जैसे कलारीपयट्टु, थांग-ता, मलखंभ को शामिल किया गया है। साथ ही आटिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का उपयोग एआई ड्रिल नर्सरी एवं एआई सक्षम हथियार चलाने की ट्रैनिंग भी इसमें शामिल की गई है। आंखों पर पट्टी बांधकर हथियार खोलना और जोड़ना भी अब सीखाया जा रहा है। यह अभ्यास अब महिला आरक्षकों के बीच एक चुनौतीपूर्ण और रोचक खेल का रूप ले चुका है। इससे उनकी हथियार संचालन दक्षता, स्पर्श ज्ञान और प्रतिक्रिया समय में सुधार होगा।