New Education Policy: MP में प्री प्राइमरी एजुकेशन अनिवार्य,पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 6 साल की उम्र सीमा
भोपाल: मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसका प्रस्ताव भी स्कूल शिक्षा विभाग में तैयार कर लिया है।
इसके अनुसार अब प्रदेश के स्कूलों में पहली क्लास में प्रवेश के लिए उम्र सीमा 6 साल करने की तैयारी की जा रही है। अभी तक प्राइमरी स्कूल में एडमिशन की आयु 5 वर्ष निर्धारित है।
नई शिक्षा नीति के तहत एक और महत्वपूर्ण प्रावधान किया जा रहा है। अब तक प्ले स्कूल में बच्चों को भेजना या ना भेजना अभिभावकों की मर्जी पर निर्भर रहता था लेकिन प्री प्राइमरी स्कूल को अनिवार्य किया जा रहा है। अब अभिभावकों को बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल भेजना होगा और उन्हें प्री प्राइमरी एजुकेशन करवाना होगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्री प्राइमरी स्कूल में बच्चों को नैतिक शिक्षा की पढ़ाई करवाई जाएगी। इसमें अरुण, उदय और प्रभात नाम से कक्षाएं लगाई जाएगी।
इसमें 3 साल की उम्र में एडमिशन मिलेगा और 3 साल की पढ़ाई के बाद जब बच्चे की उम्र 6 साल हो जाएगी तब उसे प्राइमरी स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश नई एजुकेशन पॉलिसी लागू करने वाला देश में पहला राज्य है।
नई एजुकेशन पॉलिसी में प्राइमरी स्कूल में प्रवेश की उम्र 6 साल इसलिए निर्धारित की जा रही है कि जब 5 साल की उम्र में स्कूल में प्राइमरी शुरू होने के कारण 17 साल की उम्र में बच्चे कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी कर लेते हैं । वैधानिक आयु 18 साल निर्धारित है। इसलिए यह तय किया गया है कि जब कॉलेज की पढ़ाई में बच्चे पहुंचे तो उनकी उम्र 18 साल होना चाहिए। इसलिए प्राइमरी स्कूल की एडमिशन की उम्र 6 साल की जा रही है।कई बार जब कॉलेज में एडमिशन लेते हैं तब उनकी उम्र 18 वर्ष नहीं होती है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी में उच्च शिक्षा के लिए उनके पास वैधानिक आयु होगी।