New Excise Policy : नई आबकारी नीति में अंगूर, जामुन, शहद से बनी वाइन पर शुल्क नहीं! 

एक अप्रैल से लागू होने वाली नीति में शराब दुकानों से हेरिटेज मदिरा की भी बिक्री!   

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New Excise Policy : नई आबकारी नीति में अंगूर, जामुन, शहद से बनी वाइन पर शुल्क नहीं! 

Bhopal : एक अप्रैल से लागू होने वाली आबकारी नीति में प्रावधान किया गया है कि अंगूर, जामुन और शहद के उत्पादन और संग्रहण को आबकारी विभाग बढ़ावा देगा। इन फलों से शराब बनाने के लिए वाइन निर्माताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इनसे बनने वाली शराब को वाइन शॉप पर बेचे जाने की भी अनुमति दी जाएगी। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के वाणिज्यिक कर विभाग ने नई आबकारी पालिसी जारी कर दी है।

आबकारी विभाग के नोटिफिकेशन में कहा है कि फलोद्यान विस्तार और फल प्रसंस्करण को बढ़ावा देने तथा किसानों की आय में वृद्धि के लिए आबकारी विभाग द्वारा व्यवस्था तय की गई है। इसके अंतर्गत पर्यटक स्थलों पर आउटलेट पूर्ववत जारी रहेंगे। ‘वाइन महोत्सव’ के लिए हर नगर निगम में अधिकतम दो दिन के लिए आकेशनल लाइसेंस दिए जा सकेंगे, जिसकी लाइसेंस फीस 1000 रुपए रोज होगी।

आगंतुकों, पर्यटकों के लिए वाइनरी परिसर में वाइन टेस्टिंग सुविधा रहेगी। साथ ही प्रदेश में पैदा हुए अंगूर और जामुन के अलावा अन्य फलों तथा प्रदेश में उत्पादित शहद और संग्रहित हनी (शहद) से वाइन बनाने की अनुमति रहेगी। इस तरह की वाइन पर आबकारी शुल्क नहीं वसूल किया जाएगा।

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यहां बिकेगी अंगूर से बनी शराब

नीति में कहा गया है कि मध्यप्रदेश में उत्पादित किए जाने वाले अंगूर से बनने वाली शराब को बेचने का काम प्रदेश की उन सभी शराब दुकानों (वाइन और एयरपोर्ट काउंटर को छोडकर) या कम्पोजिट शॉप में किया जा सकेगा, जिसमें देसी और विदेशी दोनों ही तरह की शराब की बिक्री की जाती है। इन कंपोजिट दुकानों से देश के बाहर से आयातित शराबों की बिक्री भी की जा सकेगी। नीति में कहा गया है कि शराब दुकानों से हेरिटेज मदिरा की भी बिक्री की जा सकेगी। इसके साथ ही हेरिटेज मदिरा को लेकर आबकारी विभाग की रियायत इस साल भी जारी रहेगी।

फ्रेंचाइजी देने की व्यवस्था

नीति में कहा है कि प्रदेश की अंगूर प्रसंस्करण नीति के अनुसार राज्य में पैदा होने वाले अंगूर से प्रदेश में ही बनाई जाने वाली वाइन की बिक्री को लेकर कम्पनी रिटेल आउटलेट की भांति फेंचाइजी दी जा सकेगी। इसके लिए अधिकृत व्यक्ति को जिला मुख्यालय पर या पर्यटन क्षेत्र स्थल पर ऐसी वाइन के फुटकर बिक्री के लिए एक या अधिक आउटलेट मंजूर किए जा सकेंगे। इसकी वार्षिक फीस 10 हजार रुपए होगी।

एमपी में कृषकों द्वारा उत्पादित अंगूर का उपयोग कर प्रदेश में बनाई जाने वाली शराब पर ड्यूटी शून्य रहेगी। कोई शुल्क देय नहीं होगा। शराब दुकानें सुबह 8.30 बजे से खोली जा सकेगी, जिसमें एक घंटे में लेखा संधारण की कार्यवाही करना होगी।