New Figure of Average Rainfall : अब साढ़े 36 इंच मानी जाएगी इंदौर की औसत बारिश
45 साल बाद औसत बारिश और मानसून आगमन की तारीख बदली
इंदौर। लगातार तीन साल की औसत बारिश ने शहर की औसत बारिश का आंकड़ा बदल दिया। अभी तक औसत बारिश 34.5 इंच मानी जाती थी। अब यह 36.5 इंच तय कर दी गई।
शनिवार तक की स्थिति में ही कुल बारिश 33.8 इंच हो गई। इंदौर में मानसून के आगमन और उसके विदा होने के बाद औसत बारिश का आंकड़ा भी बदल दिया गया।
मौसम विभाग ने पिछले साढ़े चार दशक (करीब 45 साल बाद) की औसत बारिश का विश्लेषण करने के बाद नया आंकड़ा तय किया है। नए औसत तक पहुंचने के लिए अब करीब 2 इंच बारिश की और जरुरत होगी।
माना जा रहा है कि रविवार और सोमवार की दरमियानी रात और सोमवार पूरे दिन की बारिश से औसत आंकड़ा पूरा हो गया है। पहले इंदौर में बारिश का आगमन 15 जून माना जाता था।
अब मौसम विभाग ने इसे 18 जून कर दिया। जबकि, मानसून की विदाई 30 सितंबर को होती थी, इसे भी बढ़ाकर 3 अक्टूबर कर दिया गया।
इस तारीख के बाद भी बारिश हो, लेकिन उसे नए साल के खाते में गिना जाता है। 3 अक्टूबर तक की स्थिति में जितना पानी गिरता है, उसे ही उस मानसून की कुल बारिश माना जाता है।
औसत से ज्यादा का अनुमान
मौसम विभाग के मुताबिक 45 साल के आंकड़ों का अध्ययन किया गया तो मौसम में औसत बारिश का न्यूनतम स्तर 36.5 इंच निकला। इतने वर्षों में गिनती के ही कुछ ऐसे साल रहे, जब बारिश 35 इंच या इससे कम हुई।
2012 और 2014 में 34 इंच बारिश हुई थी। बाकी के सालों में इससे अधिक ही पानी बरसा। 2020, 2021 में ही क्रमश: 53 और 40 इंच पानी गिरा था। इस साल भी औसत से ज्यादा बारिश का अनुमान है।
जितनी आबादी उतना इजाफा
शहर की आबादी भी 35 लाख तक हो गई है। 29 गांव शहरी क्षेत्र में जुड़ चुके हैं। 34.5 इंच बारिश का आंकड़ा लगभग तीन दशक से चलता आ रहा है। 1980 के वक्त शहर की आबादी इतनी नहीं थी।
शहर का दायरा भी विजयनगर से लेकर राजेंद्र नगर, कालानी नगर से तिलक नगर तक ही सीमित था। अब बायपास से लेकर देपालपुर, हातोद तक बसाहट हो गई है। इस हिसाब से बारिश का मौजूदा आंकड़ा नाकाफी था।
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