

New Formula of Promotion : सरकारी कर्मचारियों-अफसरों के MP में प्रमोशन का नया फॉर्मूला, कैबिनेट में भेजा जाएगा!
Bhopal : पदोन्नति में आरक्षण नियम बनाने की दिशा में राज्य शासन ने एक और कदम बढ़ाया। मुख्य सचिव अनुराग की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस ड्राफ्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया, जिस पर सहमति भी बन गई ,अब इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। यदि सब कुछ तय समय पर हुआ, तो अप्रैल 2016 से रुकी हुई पदोन्नति प्रक्रिया सितंबर 2025 से शुरू हो सकती है। इसका लाभ प्रदेश के करीब 4 लाख अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलेगा।
नियम वर्टिकल फार्मूले की तरफ बढ़ रहे हैं। इसके तहत पदों को आरक्षण के अनुपात में बांटा जाएगा। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थी होंगे। इन पदों पर भर्ती के लिए दोगुना और चार अतिरिक्त योग्य अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। यदि पात्र व्यक्ति नहीं मिले, तो पद खाली रहेंगे पर बाकी पर प्रमोशन हो जाएगा। पदोन्नति पर रोक के चलते अभी एक लाख कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। नए ड्राफ्ट को लेकर सपाक्स और अजाक्स ने भी अपनी राय जीएडी को भेज दी।
इस योजना के तहत पहले अनुसूचित जनजाति वर्ग के पद भरे जाएंगे, फिर अनुसूचित जाति के और अंत में अनारक्षित पद के पदों पर नियुक्तियां होगी। यदि अजा या अजजा वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर कोई पात्र व्यक्ति नहीं मिलता तो वह रिक्त ही रहेंगे।
दो गुना के साथ चार अतिरिक्त
प्रमोशन के लिए रिक्त पदों की संख्या के दो गुना के साथ चार अतिरिक्त अभ्यर्थियों को बुलाया जाएगा। जैसे यदि 6 पद खाली है तो 12 + 4 यानी कुल 16 लोगों को बुलाया जाएगा। सितंबर से नवंबर के बीच डीपीसी होगी। अगले साल के लिए मौजूदा वर्ष के सितंबर से नवंबर के बीच डीपीसी की योजना है। साथ ही 31 दिसंबर तक चयनित लोगों की पात्रता का निर्धारण हो जाएगा। पद रिक्त होते जाएंगे और योग्य लोगों को प्रमोशन मिलता जाएगा।
प्रमोशन रिवर्ट नहीं होगा
पूर्व में किए गए प्रमोशन को रिवर्ट नहीं किया जाएगा। इसके तहत जिन्हें पूर्व में प्रमोशन मिल गया है, उन्हें किसी को भी रिवर्ट नहीं किया जाएगा। डीपीसी के संबंध में जो भी प्रावधान है, उसका लाभ जरूर पूर्व के कर्मचारी और अफसरों को मिल सकता है।
पदोन्नति में पहला आधार योग्यता
एक पैमाना यह भी है कि क्लास वन ऑफिसर के लिए ‘मेरिट कम सीनियरिटी’ के आधार पर सूची बनाई जाएगी। इसके नीचे के पदों के लिए ‘सीनियरिटी कम मेरिट’ को पैमाना बनाया जाएगा। इससे उच्च पदों पर गुणवत्ता बनी रहेगी। ‘मेरिट कम सीनियरिटी’ यानी पदोन्नति में पहला आधार योग्यता होगा और फिर उसमें वरिष्ठ को भी ध्यान में रखा जाएगा।