
New Income Tax Bill-2025 : नए इनकम टैक्स बिल में विवाद कम, फाइलिंग आसान होगी!
विस्तार से जानिए, इस नए बिल में क्या-क्या नया और सुविधाजनक बदलाव किया गया!
New Delhi : सरकार ने ‘इनकम टैक्स बिल 2025’ पेश किया, जो मौजूदा कानून के अधिकतर प्रावधानों को बनाए रखते हुए इसे सरल और स्पष्ट बनाने पर जोर देता है। इससे करदाताओं और सरकार दोनों को लाभ होगा। क्योंकि, अस्पष्ट नियमों के कारण होने वाले विवाद कम होंगे और कर प्रणाली को लागू करना आसान होगा।
सरकार ने 2017-18 में कॉरपोरेट टैक्स दरों को कम किया था और साथ ही कई कटौतियों को हटा दिया था। यह कदम इसलिए उठाया गया था ताकि बड़े कारोबारियों को मिलने वाली अतिरिक्त छूट खत्म हो और सभी के लिए समान कर व्यवस्था हो। अब नए आयकर बिल में भी पुरानी, अप्रासंगिक छूटों को हटाने की योजना है, जिससे कर प्रणाली और पारदर्शी बनेगी।
आसान होगी टैक्स फाइलिंग
जटिल टैक्स कानूनों के कारण करदाताओं को नियम समझने और उनका पालन करने में कठिनाई होती है। इससे व्यवसायों की कंप्लायंस लागत बढ़ती है और टैक्स अधिकारियों पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है। नया बिल इन समस्याओं को हल करने के लिए तैयार किया गया, जिससे टैक्स भरने की प्रक्रिया सुगम होगी और करदाताओं को कम परेशानी होगी।
कानूनी प्रक्रिया आसान, विवाद कम
अस्पष्ट प्रावधानों की वजह से कई बार करदाता और सरकार के बीच विवाद बढ़ते हैं, जिससे मुकदमेबाजी बढ़ती है। नया आयकर बिल इस समस्या को हल करने के लिए स्पष्ट नियम और आसान शब्दों में प्रावधानों को पेश करेगा। इससे विवादों की संभावना कम होगी और करदाताओं को अधिक स्थिर कर प्रणाली मिलेगी।
पारदर्शी और न्यायसंगत टैक्स प्रणाली
पेचीदा छूटों और जटिल प्रोत्साहनों को हटाकर नया बिल एक सरल, पारदर्शी और न्यायसंगत कर ढांचा तैयार करेगा। इससे सभी करदाता बिना किसी विशेष छूट का फायदा उठाए अपना योगदान देंगे। इससे देश की कर व्यवस्था मजबूत होगी और सरकार की दीर्घकालिक राजस्व स्थिरता बनी रहेगी।
बदलाव वैश्विक कर प्रणाली के अनुरूप
नए कर ढांचे को दुनियाभर में सफल कर मॉडलों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इससे भारत की टैक्स प्रणाली अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनेगी, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और भारत विदेशी निवेश के लिए अधिक आकर्षक बन सकेगा।
निवेश और व्यापार को बढ़ावा
सरल और छूट-मुक्त कर व्यवस्था से व्यापारियों को निर्णय लेने में आसानी होगी। वे टैक्स प्लानिंग के बजाए अपने व्यापार विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। कम टैक्स दरों और स्पष्ट नियमों की वजह से व्यापारिक माहौल अधिक अनुकूल बनेगा, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
डिजिटल टेक्नोलॉजी से टैक्स प्रक्रिया स्मार्ट
नया आयकर बिल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित स्क्रूटनी, डिजिटल फाइलिंग और अन्य वित्तीय सिस्टम से बेहतर समन्वय को प्रोत्साहित करेगा। इससे टैक्स प्रशासन तेज़ और पारदर्शी बनेगा, साथ ही टैक्स चोरी पर भी लगाम लगेगी।
संक्षिप्त, स्पष्ट और प्रभावी बिल
नए बिल में कर कानून को 819 धाराओं से घटाकर 536 धाराओं में समेटा गया है। इसके अलावा, शब्दों की संख्या भी 5 लाख से घटाकर 2.5 लाख कर दी गई है। इससे अनावश्यक जटिलताएं खत्म होंगी। सरकार ने इस बार नियमों को समझने में आसानी के लिए टेबल, उदाहरण और सूत्र भी जोड़े हैं, जिससे करदाताओं को इसे समझने और लागू करने में कोई परेशानी न हो।





