New Speculations on Deepak Joshi : इंदौर के BJP कार्यालय में देर रात दीपक जोशी को बुलाया गया, मनाने की नई कोशिश भी असफल!

कांग्रेस ने स्वागत के लिए बंदनवार सजाए, लेकिन अभी तय नहीं कि क्या होगा!

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New Speculations on Deepak Joshi : इंदौर के BJP कार्यालय में देर रात दीपक जोशी को बुलाया गया, मनाने की नई कोशिश भी असफल!

 

Indore : भाजपा से नाराज दीपक जोशी को गुरुवार देर रात इंदौर के बीजेपी कार्यालय बुलाया गया। उन्हें मनाने का नया दौर शुरू हुआ। उन्हें प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने बुलवाया था। लेकिन, सूत्र बताते हैं कि दीपक जोशी फिर भी नहीं माने। यानी उनका कांग्रेस में जाना तय माना जा सकता है। करीब एक घंटे बाद वे बाहर आए, पर वहां मौजूद मीडिया से कुछ नहीं बोले और अपनी कार में बैठकर चले गए। उन्हें मनाने के लिए क्या आश्वासन दिया गया, ये स्पष्ट नहीं हुआ। जबकि, भोपाल में कांग्रेस ने दीपक जोशी के पार्टी में स्वागत की पूरी तैयारी कर ली। देर रात के घटनाक्रम के बाद नई अटकलों का दौर शुरू हो गया कि दीपक जोशी कांग्रेस जॉइन करेंगे या उन्हें भाजपा ने रोक लिया है।

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भाजपा से नाराज पूर्व मंत्री दीपक जोशी को मनाने की अंतिम कोशिश देर रात इंदौर में हुई। उन्हें देर रात इंदौर के भाजपा कार्यालय बुलाया गया। मीडिया को नीचे ही रोक दिया गया था। इस नए घटनाक्रम से कई कयास लगाए जा रहे है। लेकिन, इसका खुलासा खुद दीपक जोशी या पार्टी ही करेगी। इसके लिए एक दिन इंतजार करना होगा। क्योंकि, दीपक जोशी के स्वागत के लिए कांग्रेस बंदनवार बांधकर तैयार है। क्योंकि, दीपक जोशी ने खुद 6 मई को कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा की हैं।

कांग्रेस ने स्वागत द्वार सजाया
जानकारी के अनुसार इस दिन सुबह 11 बजे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दीपक जोशी को कांग्रेस की सदस्यता दिलाएंगे। दीपक जोशी के साथ बड़ी संख्या में कई भाजपा कार्यकर्ता भी कांग्रेस का दामन थाम रहे है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में इसके लिए एक बड़ा समारोह आयोजित किया जा रहा है।

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इस बीच दीपक जोशी ने कल कहा कि कमलनाथ ने जहां हाटपिपलिया में उनके स्व पिता कैलाश जोशी के स्मारक के लिए 3 मिनट में जमीन आवंटित कर दी थी। लेकिन, शिवराज सरकार ने 3 साल बाद भी अभी तक स्मारक को लेकर कोई गंभीर प्रयास नहीं किए। यह स्मारक आज भी अधूरा पड़ा है।
दीपक जोशी ने यह भी कहा कि उनके साथ पार्टी में जो बर्ताव किया है और हो रहा है उससे वे बहुत दुखी हैं। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसे ही कांग्रेस में जाने का निर्णय नहीं किया है। मैं कांग्रेस में कार्यकर्ता की हैसियत से जा रहा हूं। यदि कांग्रेस पार्टी कहेगी तो बुधनी से मुख्यमंत्री शिवराज के विरुद्ध चुनाव लड़ूंगा।
उन्होंने कहा कि मैं यूं ही बगावत पर उतारू नहीं हुआ। एक तरफ पार्टी ने हारे हुए नेताओं को निगम, मंडलों में स्थान दिया वही भाजपा के पुराने कर्मठ नेताओं की पूरी तरह उपेक्षा की गई।