New Tax Rates In The Country
नई दिल्ली; बजट 2022 में किए गए कुछ प्रावधानों की वजह से 1 अप्रैल से उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ और बढ़ने वाला है. कल से TV, AC फ्रिज के साथ मोबाइल चलाना भी महंगा हो जाएगा. दरअसल, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने इस साल फरवरी में पेश बजट में कई उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था, जबकि कुछ पर इसमें कटौती की गई थी. नया शुल्क 1 अप्रैल से लागू हो रहा है.
01 अप्रैल से देश में टैक्स की नई दरें लागू होने जा रही है. इसके साथ ही कल यानी एक अप्रैल से कई वस्तुओं के दाम में परिवर्तन आना तय है. दरअसल, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Indian Finance Minister Nirmala sitharaman) ने इस वर्ष के बजट में टैक्स दरों में बदलाव की घोषणा की थी, जबकि अब एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी.
इसके साथ ही 1 अप्रैल से आम लोगों पर महंगाई का ज्यादा मार पड़ेगी. कल यानी एक अप्रैल से TV, AC फ्रिज के साथ ही मोबाइल चलाना भी महंगा हो जाएगा.
इसलिए महंगे होंगे टीवी, एसी, फ्रिज
दरअसल, सरकार ने 1 अप्रैल से एल्यूमीनियम अयस्क कंसन्ट्रेट एल्युमीनियम पर 30 % आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया था. इसका इस्तेमाल टीवी, एसी फ्रिज के हार्डवेयर बनाने में होता है. लिहाजा, कच्चे माल की आपूर्ति महंगी होने से इन उत्पादों की उत्पादन लागत में वृद्धि होना तय है, जिसका सीधा असर उपभोक्ता की जेब पर पड़ेगा. एसी फ्रिज के कंप्रेसर में इस्तेमाल होने वाले पुर्जों पर भी आयात शुल्क बढ़ा दिया गया है, जिससे फ्रिज AC के दाम में वृद्धि तय मानी जा रही है.
चांदी की भी बढ़ेगी कीमत
चांदी पर लगे वाले आयात शुल्क में भी सरकार ने इजाफा करने का ऐलान किया था. लिहाजा, 1 अप्रैल से चांदी के गहने बर्तन के साथ ही इससे बनने वाले उत्पाद भी एक अप्रैल से महंगे हो जाएंगे. इसके अलावा स्टील के सामान पर भी महंगाई की मार पड़ेगी कल से स्टील से बने बर्तन महंगे हो जाएंगे.
LED बल्ब मोबाइल भी हो जाएंगे महंगे
सरकार ने LED बल्ब मोबाइल फोन बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर भी सीमा शुल्क के साथ ही सेस भी लगा दिया है. LED बल्ब मोबाइल बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर मूल सीमा शुल्क के साथ 6 प्रतिशत प्रतिपूर्ति शुल्क वसूलने की बात कही गई थी. 1 अप्रैल से इसका नया नियम लागू होने के बाद LED बल्ब भी महंगे हो जाएंगे. सरकार के इस फैसले मोबाइल के दाम बढ़ेंगे, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा.