

New Tax Rules : टैक्स पेयर्स को अब इन आइटम्स पर भी देना होगा टैक्स, नोटिफिकेशन जारी!
फिलहाल ₹10 लाख से अधिक कीमत वाले मोटर वाहनों पर 1% टीसीएस लगाया जा रहा!
New Delhi : टैक्स पेयर्स को अब ₹10 लाख से अधिक कीमत वाले हैंडबैग, कलाई घड़ी, जूते, हाई-एंड स्पोर्ट्स वियर और आर्ट ऑब्जेक्ट जैसी लग्जरी वस्तुओं की खरीद पर भी 1% टीसीएस (सोर्स पर कलेक्ट टैक्स) देना होगा। अभी एक जनवरी 2025 से ₹10 लाख से अधिक कीमत वाले मोटर वाहनों पर 1% की दर से टीसीएस लगाया जा रहा है।
आयकर विभाग ने 22 अप्रैल 2025 से 10 लाख रुपये से अधिक की विशिष्ट लग्जरी वस्तुओं की बिक्री पर 1% टीसीएस लगाए जाने को अधिसूचित किया है। टीसीएस को निर्दिष्ट वस्तुओं की बिक्री के समय खरीदार से लिया जाता है तथा इसे आयकर रिटर्न दाखिल करते समय क्रेता की कर देनदारी में समायोजित किया जा सकता है। स्रोत पर कर कटौती से कोई अतिरिक्त राजस्व प्राप्त नहीं होता।
इससे आयकर विभाग को उच्च मूल्य के व्यय का पता लगाने में मदद मिलती है। क्योंकि, खरीदारी के समय पैन विवरण प्रस्तुत करना होता है। ₹10 लाख से ज्यादा कीमत वाली लक्जरी (विलासिता वाली) वस्तुओं और मोटर वाहन के लिए टीसीएस प्रावधान वित्त अधिनियम, 2024 के माध्यम से जुलाई, 2024 में बजट में पेश किया गया था।
जानिए, क्या है अधिसूचना में
टीसीएस कलेक्ट करने का दायित्व विक्रेता पर होगा। यह अधिसूचित वस्तुओं जैसे कलाई घड़ी, कला वस्तुएं जैसे पेंटिंग, मूर्तियां और प्राचीन वस्तुएं, संग्रहणीय वस्तुएं जैसे सिक्के और टिकट, नौकाएं, हेलीकॉप्टर, लक्जरी हैंडबैग, धूप के चश्मे, जूते, उच्च श्रेणी के खेल परिधान और उपकरण, होम थिएटर सिस्टम और रेस या पोलो के लिए घोड़े आदि पर लागू होगा। यह अधिसूचना उच्च मूल्य वाले विवेकाधीन व्यय की निगरानी बढ़ाने और लक्जरी सामान खंड में ऑडिट को मजबूत करने की सरकार की मंशा बताती है। यह अधिसूचना कर आधार का विस्तार करने तथा अधिक वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के व्यापक नीतिगत उद्देश्य को दर्शाती है।