New Type of Education : अब A फ़ॉर एप्पल नहीं अर्जुन और B फ़ॉर बलराम पढ़ेंगे बच्चे!

बच्चों को भारतीय संस्कृति से परिचित कराने के लिए नया प्रयोग!

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New Type of Education : अब A फ़ॉर एप्पल नहीं अर्जुन और B फ़ॉर बलराम पढ़ेंगे बच्चे!

Lucknow : मध्यप्रदेश सरकार ने मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में कराने का फैसला क्या लिया, इस दिशा में और भी नए प्रयोग किए जाने लगे। यहां के अमीनाबाद इंटर कॉलेज प्रबंधन ने बच्चों को पौराणिक और ऐतिहासिक ज्ञान देने के लिए बड़ा बदलाव कर दिया। अब इस इंटर कॉलेज में बच्चे अब ‘A’ से ‘एप्पल’ नहीं बल्कि ‘अर्जुन’ पढ़ेंगे. यहां अब ‘B’ से ‘बनाना’ नहीं बल्कि ‘बलराम’ पढ़ाया जाएगा. वहीं, ‘C’ से ‘कैट’ नहीं, बच्चों को सी से चाणक्य का नाम बताया जाएगा। ये सारे नाम भारतीय इतिहास और पुराण से जुड़े हुए हैं।

इस फैसले के पीछे स्कूल प्रबंधन का तर्क है कि व्यक्ति को दुनियादारी के अलावा अपने इतिहास और सभ्यता का ज्ञान भी जरूरी है। अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रिंसीपल साहेब लाल मिश्रा के मुताबिक, स्टूडेंट्स को भारतीय संस्कृति के बारे में कम जानकारी है, इसलिए हमने उनके ज्ञान को बढ़ाने के लिए ऐसा किया है। यह इंटर कॉलेज लखनऊ नगर निगम द्वारा संचालित किया जाता है। यह इंटर कॉलेज 1897 में स्थापित किया गया था। यानी ये 125 साल पुराना है।

अब यहां छोटी क्लास के बच्चों की प्राथमिक शिक्षा ऐतिहासिक और पौराणिक ज्ञान बढ़ाने से शुरू होगी। ‘A’ फ़ॉर अर्जुन पढ़ाया जाएगा। किताब में अर्जुन की तस्वीर भी बनी होगी। साथ में उसमें यह भी बताया गया है कि अर्जुन कौन थे? अर्जुन की तस्वीर के आगे लिखा होगा कि अर्जुन एक महान योद्धा थे। किताब में अर्जुन की उस वक्त की तस्वीर है, जब वो द्रौपदी के स्वयंवर में मछली की आंख पर तेल की कढ़ाई में देखकर निशाना साध रहे थे।

बच्चों को अमीनाबाद इंटर कॉलेज में ‘B’ से बलराम पढ़ाया जाएगा। किताब में बलराम और भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर छपी हुई है। साथ में बच्चों को समझाने के लिए लिखा है कि बलराम, भगवान श्रीकृष्ण के भाई थे। ये तो सिर्फ नमूना है, पूरी किताब इसी तरह की पौराणिक हस्तियों से भरी पड़ी है।