Nexus Of Good Award: देवास कलेक्‍टर ऋषव गुप्ता की परिकल्पना को मिला नेक्सस ऑफ गुड अवार्ड, देश भर से चुने हुए 22 नवाचारों को शामिल

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Nexus Of Good Award: देवास कलेक्‍टर ऋषव गुप्ता की परिकल्पना को मिला नेक्सस ऑफ गुड अवार्ड, देश भर से चुने हुए 22 नवाचारों को शामिल

देवास:देवास जिले को शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य के लिए ‘नेक्सस ऑफ गुड ‘ अवार्ड मिला है। यह अवार्ड जिले के शासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क संचालित “कोडिंग फ़ॉर एव्हरी वन” अभियान के लिए दिया गया है जिसकी परिकल्पना व लगातार फॉलोअप कलेक्‍टर श्री ऋषव गुप्ता द्वारा किया गया।

पीएचडी चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज, नई दिल्ली में आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में जिले का यह अवार्ड कलेक्टर प्रतिनिधि के रूप में डाइट प्राचार्य डॉ सक्सेना ने प्राप्त किया।

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उल्लेखनीय है कि जिले में इस बहुउद्देश्यीय अभियान की शुरुआत 15 अगस्त 2023 को हुई जिसमें 186 स्कूल के लगभग 16 हजार विद्यार्थियों ने बड़े ही उत्साह के साथ इस अभियान में भागीदारी की। प्रत्येक स्कूल के लिए वहाँ के एक ऊर्जावान व तकनीकी विशेषज्ञ शिक्षक को मेंटर नियुक्त किया गया। कलेक्टर श्री गुप्ता द्वारा निरंतर इस अभियान के सफल संचालन हेतु ऑनलाइन व ऑफलाइन मीटिंग लेकर उत्साहवर्धन किया।

उल्लेखनीय है कि देवास के विद्यार्थियों द्वारा इस अभियान में उत्साहपूर्वक सहभागिता कर लगातार कोडिंग की पढ़ाई में प्रगति की जा रही है।

कैसे होती है कोडिंग

देहरादून की प्रतिष्ठित आई• टी• कम्पनी कोडयोगी के सी ई ओ प्रशांत ने जिलाधीश श्री गुप्ता के आग्रह पर शासकीय विद्यालय के बच्चों के लिए निशुल्क यह कोर्स डिजाइन किया जिसमे टेलीग्राम एप पर ए•आई• बॉट के माध्यम से कोर्स के वीडियो, क्विज व असाइनमेंट होते थे । इसे विद्यार्थी शाला समय के पश्चात अपने घर से मोबाइल पर सीखते थे। डाउट साल्विंग सेशन में बच्चे अपनी कठिनाइयों को विशेषज्ञों की मदद से हल कर सकते थे । मेंटर शिक्षक उनको निरंतर प्रोत्साहित करते व कलेक्टर सर को अपडेट कराते थे । इस कोर्स में बच्चों को एचटीएमएल, जावा स्क्रिप्ट, नोड जेएस एवं रिएक्ट जैसी तकनीके सिखाई जा रही हैं, जिससे कि वह भविष्य में अपना सुदृढ़ कैरियर बना सके।

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इस पूरे नवाचार में उल्लेखनीय बात यह है की संपूर्ण कोर्स सरल हिंदी भाषा में बनाया गया था तथा कोर्स मोबाइल प्लेटफार्म टेलीग्राम पर संचालित होने की वजह से कोडिंग सीखने हेतु महंगे कंप्यूटर की आवश्यकता नहीं थी, जिससे ग्रामीण अंचल के बच्चे भी कोडिंग सीख पाए। साथ ही कोडिंग एक से लेकर 50 लेवल तक सिखाई गई जिससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना भी उत्पन्न हुई।

कलेक्टर गुप्ता द्वारा बताया गया की कंप्यूटर कोडिंग सीखने से बच्चों में वैज्ञानिक सोच उद्भूत होती है तथा यह स्किल भविष्य में बच्चों को अच्छा करियर देने में मददगार सिद्ध होगा।

श्रेष्ठ विद्यार्थियों का निरंतर मोटीवेशन

इस अभियान के तहत जिले में अच्छी प्रगति दिख रहे सैकड़ों विद्यार्थियों को स्थानीय उद्योगों की सहायता से प्राप्त सी•एस•आर• के माध्यम से मोबाइल स्टैंड, की बोर्ड, माउस व मोबाइल कनेक्टर जैसे उपकरण प्रोत्साहन स्वरूप वितरित किये, जिससे उनकी कोडिंग करने की गति बड़ी एवं कोडिंग के उच्च लेवल भी आसानी से वह पर कर सके। अच्छी प्रगति दर्शा रहे विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया । इन कार्यो से विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर आपसी प्रतिस्पर्धा के साथ कोडिंग के माईल स्टोन (लेवल) पूर्ण किये । बीच-बीच में कोड योगी की टीम ने भी दिल्ली एवं देहरादून से देवास आकर बच्चों को प्रोत्साहित किया एवं उनकी समस्याएं सुलझाई।

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एक विद्यार्थी को 8 लाख का पैकेज

कोडिंग असाइनमेंट में दिए जाने वाले कार्यो को बड़ी ही अच्छी तरह से पूर्ण करने वाले ग्रामीण क्षेत्र हाटपिपल्या के एक शासकीय हायर सेकेंडरी में पढ़ने वाले छात्र अंकित सेंधव को देहरादून की आई•टी• कम्पनी ने 8 लाख रुपये सालाना के पैकेज पर जॉब दिया गया । यह छात्र नोकरी के साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रख सकेगा । अंकित को यह जॉब ऑफर प्राप्त होने बाद, विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा बहुत बढ़ गई है। उल्लेखनीय है कि देवास के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी श्री हीरालाल खुशहाल द्वारा इस अभियान में निरंतर छात्रों का प्रोत्साहन किया एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी समस्याएं सुलझाने का लगातार प्रयास किया।

कोडिंग में क्या क्या सीखते है छात्र

कोडिंग फॉर एव्हरीवन अभियान में विद्यार्थियों के लिए HTML, CSS, जावा स्क्रिप्ट, नोट जेएस आदि कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के कोर्स है जिन्हें अलग अलग लेवल में बांटा गया है । देवास जिले से शुरू होने के बाद मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस अभियान का अब अनुसरण किया जा रहा है।

श्री गुप्ता ने अवार्ड स्कूली विद्यार्थियों के साथ शेयर करते हुए उन्हें इस सफलता की बधाई दी।

इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत हिमांशु प्रजापति, जिला परियोजना समन्वयक एवं डाइट प्रिंसिपल डॉ राजेन्द्र सक्सेना, मेंटर शिक्षक संजय जोशी, यास्मीन शेख, श्रमिता नामदेव व महारानी चिमनाबाई व राधाबाई स्कूल की वे छात्राएं उपस्थित थी जिन्होंने कोडिंग मे उत्कृष्ट लेवल हासिल किए है।