Nimar Choupal: नही थम रही कांग्रेस में गुटबाजी

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खरगोन जिले के बडवाह में कांग्रेस के घर चलो घर घर चलो अभियान को लेकर जिला कांग्रेस द्रवारा आयोजित सम्मेलन से स्थानीय अरूण यादव समर्थक कांग्रेस नेताओ ने दूरी बनाई। सम्मेलन फिर कांग्रेस में चल रही गुटीय राजनीति को लेकर नये संकेत दे गया। बडवाह के इस कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरूण यादव के स्थानीय समर्थक कांग्रेसीयों के नदारद होना चर्चा का विषय बन गया। पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरूण यादव और उनके जिले के समर्थकों की दूरीयो से एक बार फिर जिला कांग्रेस द्रवारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन गुटीय राजनिती का शिकार हो गया।

कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व मंत्री डा विजयलक्ष्मी साधौ और खरगोन के विधायक और प्रदेश कांग्रेस के घर चलो घर घर चलो अभियान के प्रभारी रवि जोशी के समर्थको की जमकर भीड रही। पूरे जिले से साधौ और जोशी समर्थक बडवाह पहुंचे। सम्मेलन में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे खंडवा लोकसभा उपचुनाव में हारने वाले राजनारायण सिह वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर मंच पर जमकर गरजे। राजनारायण ने तो मंच से ही लोकसभा चुनाव लडने के लिये अभी से ताल ठौक दी। ऐसा लग रहा था की 2024 में लोकसभा चुनाव की लडाई अभी से शुरू हो गई है। मंच से ही विधायक रवि जोशी ने सम्बोधन में राजनारायण सिह को 2024 के सांसद बोलकर राजनारायण को गदगद कर दिया।

Nimar Choupal:  नही थम रही कांग्रेस में गुटबाजी

2024 की दिल्ली की लडाई से पहले कांग्रेस के लिये 2023 विधानसभा चुनाव का पहला पढाव काफी महत्वपूर्ण है। खरगोन जिले में पहले दिग्विजय सिह के दौरे के दौरान अरूण यादव, पूर्व मंत्री सचिन यादव के गृह गांव में बोरांवा में जिले के कांग्रेस के सैकडो कार्यकर्ताओं की मौजूदगी और भोज पार्टी के बाद बडवाह में कांग्रेस का सम्पन्न हुआ कार्यकर्ता सम्मेलन कांग्रेस में वर्तमान समय में चल रही राजनीति संकेत दे रही है की पार्टी में अभी सब ठीक ठाक नही चल रहा है। बडवाह में अरूण यादव कैप के स्थानीय नेताओ में पूर्व सांसद ताराचंद पटेल, सहकारिता नेता कुलदीप सिह भाटिया सहित स्थानीय नेताओ का नदारद रहना कई सवाल खडे कर रहा है ? हलाकि यादव कैप से जुडे आगामी बडवाह विधानसभा चुनाव के लिये सशक्त दावेदार नरेन्द्र पटेल और बडवाह के कांग्रेस नेता प्रवीण शर्मा जरूर कार्यक्रम में मौजूद रहे थे।

लालबत्ती से इंकार – –

भाजपा में इन दिनो सत्ता के सुख की चाहत भाजपा के हर दूसरे कार्यकर्ता में बनी हुई है। लालबत्ती का कई नेता सपना देख रहे है। पार्टी भी ये बात भली भांति भाप गई है लेकिन पार्टी की अपनी मजबूरी है। संगठन को शक्ति मानने वाली भाजपा ने आरएसएस से आकर शीर्ष संगठन पर काम करने वालो को प्रोत्साहित का बीडा उठाया है। लेकिन खरगोन के श्याम महाजन ने लालबत्ती से इंकार कर उदाहरण पेश किया है।

इन दिनो आम भाजपा के कार्यकर्ताओं में सत्ता का ऐसा नशा चढा हुआ है की वे ये भी भूल गया है की वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश की जनता ने भाजपा के खिलाफ जनादेश दिया था। लेकिन भाजपा में कुछ ऐसे भी लोग है जो आज भी पार्टी में सत्ता से दूर रहकर ही काम करना चाहते है। खरगोन के आरएसएस के एक साधारण कार्यकर्ता श्याम महाजन ने अपने त्याग और तपस्या से अपनी अलग ही पहचान बनाई है। सत्ता से दूर संगठन में काम करने वाले श्याम महाजन इन दिनो फिर चर्चा में है। भाजपा ने जब एक बडा निर्णय लेकर प्रदेश के सभी संभागीय संगठन मंत्रीयों को सत्ता का सुख देकर निगम मंडल में विभिन्न पदो पर नवाजा लेकिन खरगोन के श्याम महाजन ने सत्ता की कुर्सी पर बैठने से इंकार कर दिया। अब पार्टी ने उन्हे प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बनाकर सम्मान दिया है।

Nimar Choupal:  नही थम रही कांग्रेस में गुटबाजी

श्याम महाजन के प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बनने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। निमाड अंचल के खरगोन बडवानी जिले में वैसे भी भाजपा कमजोर है। 2018 के विधानसभा चुनाव में 10 विधानसभा सीट में केवल मंत्री प्रेमसिह पटेल की बडवानी विधानसभा को छोडकर बाकी 9 विधानसभा क्षेत्रो में कांग्रेस का कब्जा रहा है। भाजपा को करारा झटका लगा था। ऐसे समय में अब भाजपा श्याम महाजन को अपने गृह जिले खरगोन और पडौसी जिले बडवानी सहित निमाड में पार्टी को मजबूत करने का दायित्व सौप सकती है। खास बात ये है की भाजपा के संगठन में विभिन्न दायित्वों के बाद भी श्याम महाजन ने सत्ता की सीढी पर चढने को दरकिनार कर संधर्ष का रास्ता चुनकर पार्टी को मजबूत करने का संकल्प लिया है। महाजन सत्ता सुख के दरवाजे पर पहुंचने के बाद भी लौटकर संगठन में ही आ गये।

अब श्याम महाजन के प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण और दमदार पद पर बैठने के बाद उनके गृह जिले में भाजपा की राजनीति में क्या नये समीकरण बनेगे चर्चा का विषय बना हुआ है ? श्याम महाजन की नियुक्ति के बाद लोगो ने 2023 विधानसभा चुनावो को लेकर नये कयास लगाना शुरू कर दिये है। निसंदेह ही कर्मठ युवा महाजन के प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बनने से भाजपा मजबूत होगी। विधानसभा चुनाव 2023 श्याम महाजन के लिये चुनौती रहेगा। विशेषकर उनके गृह जिले खरगोन में भाजपा की वापसी उनके लिये सबसे बडी अग्नि परीक्षा होगी ?

अतिक्रमण हटाओ मुहिम ने भूमाफिया की नींद उडाई !

खरगोन में एक बार फिर अतिक्रमण हटाओ मुहिम को प्रशासन ने शुरू करके शहर में अवैध शासकीय जमीन पर कब्जा करने वाले भूमाफिया की नींद उडा दी है। एसडीएम मिलिन्द ढोके की अगुवाई में प्रशासन के संयुक्त दल ने की इस कार्यवाही से हडकंप मच गया है। दो स्थानो पर बडी कार्यवाही करते हुए करीब चार करोड रूपये की सरकारी जमीन पर हुए अवैध निर्माण को जमीनदोज करने से भूमाफिया डरे और सहमे है। अतिक्रमण हटाओ मुहिम शहर में लगातार जारी रहने के एसडीएम मिलिन्द ढोके के संकेत के बाद अवैध कब्जाधारीयो को संरक्षण देने वाले शहर के तथाकथित लोग एक बार फिर सक्रिय हो गये है।

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लेकिन प्रशासन के तीखे तेवर से फिलहाल शहर में ठेका लेकर संरक्षण देने वाले खूद पशोपेश में है। इधर अतिक्रमण हटाने के दौरान सरस्वती नगर से डायवर्सन तक सीधा रास्ता निकालने की बात कर एसडीएम ने शहर के भूमाफियाओ की नींद उडा दी है। मीडिया से अनौपचारिक चर्चा के दौरान शहर में डायनामाईट के माध्यम से अतिक्रमण हटाने की एक बडी कार्यवाही के संकेत देकर एसडीएम ढोके ने शहर में राजनीतिक तेज कर दी है। शहर में चर्चा का दौर फिर शुरू हो गया है क्या एक बार फिर बस स्टैड के आसपास पर बुलडोज़र चलेगा ?

रोजगार को लेकर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता – – ?

रोजगार के मुद्दे पर हमारे जनप्रतिनिधि कितने संवेदनशील है ? खरगोन जिला मुख्यालय पर जब देखने को मिला जब रोजगार मेले के आयोजन में प्रभारी मंत्री कमल पटेल, सांसद गजेन्द्र सिह पटेल, खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और राज्यसभा सांसद सुमेरसिह सहित जिले के सभी विधायक मेले में नही पहुंचे। बकायदा जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। कार्ड पर सभी के नाम भी छापे गये थे लेकिन देश की सबसे बडी समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता सामने आ गई। चुनाव के दौरान नेता रोजगार की बडी बडी बात करते है लेकिन जब बेरोजगारो के लिये मेले का आयोजन होता है तो जनप्रतिनिधि नदारद रहते है।

रोजगार मेले के आयोजन की केवल औपचारिकता निभाई गई। जिले के बडे अधिकारी भी रोजगार मेले को लेकर सजग नही दिखाई दिये। आकंडो की खानापूर्ति की गई। रोजगार मेले के आयोजन का दूसरा पहलू देखे तो कार्ड पर जनप्रतिनिधियों के नाम होने के बाद भी रोजगार मेला उदासीनता का शिकार रहा। क्या जनप्रतिनिधियों से अनुमति लिये बिना नाम छापे गये थे ? अगर जनप्रतिनिधियों ने अनुमति दी तो क्यो नही आये सवाल उठ रहे है। मेले में प्रभारी मंत्री कमल पटेल सांसद गजेन्द्र सिह पटेल, खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, राज्यसभा सांसद सुमेरसिह सोलंकी सहित जिले के खरगोन विधायक रविजोशी, महेश्वर विधायक डाॅ विजयलक्ष्मी साधौ, कसरावद विधायक सचिन यादव,भीकनगांव विधायक झूमा सोलंकी, बडवाह विधायक सचिन बिरला और भगवानपुरा विधायक केदार डाबर को आमंत्रित किया गया लेकिन कोई नही पहुंचा। अगर कार्ड पर कोई नाम छूट जाता तो प्रशासन की नाक में दम हो जाती। कुल मिलाकर अगर मेले में बेरोजगारो के बीच जनप्रतिनिधि पहुंचते तो उनकी हौसला अफजाई होती।

और अंत में – –

आखिरकार आरोपो और अनियमितता के गंभीर आरोप के चलते कलेक्टर अनुग्रहा पी ने आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त जे सी डामौर के वित्तिय अधिकार डिप्टी कलेक्टर के के मालवीय को सौप दिये। पिछले सीएम शिवराजसिंह चौहान ने समाधान ऑनलाइन की समीक्षा के दौरान सहायक आयुक्त जे सी डामौर को निलंबित कर दिया था लेकिन तकनीकी खानापूर्ति करने से सीएम का निलंबन आदेश आज भी अधर मे है। लेकिन अब कलेक्टर की गाज सहायक आयुक्त पर गिरने पर चर्चाओ का बाजार थम गया है।।शिकायत कर्ता उपासना बडोले की शिकायत को लेकर गंभीर आरोप उनके भाई भागीरथ बडोले लगा रहे है। बडोले का कहना है की आवास सहायता योजना की राशि ने मिलने की शिकायत सहायक आयुक्त डामौर ने खूद बंद कर दी थी। सीएम शिवराजसिंह चौहान के निलंबन की घोषणा के बाद निलंबित नही होने से प्रशासनिक लापरवाही सामने आ रही है। पूरे मामले की उच्चस्तरीय जाॅच की मांग हो रही है।