नौ साल की कमाई, आज दुनिया मोदी की दीवानी है…
नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के नौ साल पूरा होने पर उनकी उपलब्धियों को दो अलग-अलग हिस्सों में बांटा जा सकता है। पहला हिस्सा राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियों का है और दूसरा हिस्सा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियों का है। राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियों की लंबी सूची है, तो विरोधी पक्ष के पास उपलब्धियों को नकारने और विफलताओं को गिनाने की सूची भी छोटी नहीं है। पर बात अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियों की होगी तो पाकिस्तान, चीन जैसे पड़ोसियों को छोड़कर बाकी दुनिया इस बात पर राजी है कि इन नौ साल में वह मोदी की दीवानी बन गई है। बात अमेरिका, आस्ट्रेलिया या यूरोपियन देशों की ही नहीं है, बल्कि अफ्रीका, एशिया के देशों का भी यही हाल है। और इस बात को तो विरोधी भी अकेले में स्वीकार करते ही होंगे कि दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है। देश का कोई भी नागरिक दुनिया में कहीं भी मुसीबत में फंसा है, तो मोदी सरकार ने प्रतिकूलतम परिस्थितियों में भी ससम्मान वापसी करवाई है। विरोधी दल को अधिकार है कि वह सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग ले, लेकिन पाकिस्तान-चीन जैसे देशों को वह संदेश तो मिल ही गया कि अगर आंख दिखाने की कोशिश की तो खैर नहीं है। भारतीय सेना आंख निकालने का साहस रखती है। एक शब्द है “लीडरशिप मैटर्स” यानि नेतृत्व मायने रखता है। और यदि सर्वमान्य राष्ट्रीय नेतृत्व महात्मा गांधी के बारे में यह बात सर्वस्वीकार्य है, तो आज नहीं तो कल मोदी के नेतृत्व की स्वीकार्यता पर “लीडरशिप मैटर्स” के नजरिए से बात तो जरूर होगी। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने अपने भारत के दौरे पर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘दुनियाभर में सबसे चहेते नेता’ हैं। तो हाल ही में जापान में क्वाड की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने पीएम मोदी से ऑटोग्राफ मांगकर यह जाहिर किया कि गजब नेतृत्व की क्षमता मोदी में ही है। और पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने वहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूकर शायद यही जताया कि दुनिया भर में मोदी जैसा नेतृत्व मायने रखता है। और शायद इसीलिए ही ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज ने सिडनी में सामुदायिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी को बॉस बताया। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा “प्रधानमंत्री मोदी बॉस हैं।”
अपने देश भारत की बात करें तो मोदी को लेकर मत भी दलीय और विचारधारा के आधार पर बंटे हैं। बात चाहे विकास की हो या विचारधारा के अनुरूप लिए गए फैसलों की हो। विरोधी दल के नेता जहां मोदी को नफरत की पाठशाला का हेडमास्टर मानकर मौहब्बत का पाठ पढ़ाते नहीं थकते, तो समर्थक मानते हैं कि मोदी के नेतृत्व में ही भारत का गौरव और सम्मान सुरक्षित है। बात विकास की हो, किसान की हो, गरीब की हो या महिला सशक्तिकरण-सम्मान की हो… उपलब्धियों और विफलताओं की कहानियां नजरिए के अनुरूप करवट लेती हैं। पर इस बात को कोई नकार नहीं सकता कि भारत अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हालांकि नकारने वाले इससे भी दो कदम आगे हैं। पर अगर 75 साल के लेखा-जोखा में मोदी के नौ साल की बात करें तो बाकी 66 साल थोड़े नहीं बल्कि बहुत फीके नजर आते हैं, तथ्यों के आधार पर इस सत्य को कोई नकार नहीं सकता। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत संरचना सहित मोदी काल की जनहितैषी योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को मिलने का ही असर है कि 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम में भी मोदी की कुर्सी मजबूत नजर आती है। बात चाहे ग्रामीण क्षेत्रों की हो या शहरों की, मोदी के चहेते हर जगह बहुमत में विद्यमान हैं। बात जब मोदी की हो, तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कर्नाटक में कांग्रेस है या उत्तर प्रदेश में भाजपा या फिर दिल्ली, पंजाब में आम आदमी पार्टी और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस। विधानसभा चुनाव में मतदाता कुछ भी सोचे, पर लोकसभा चुनाव में तो मोदी और कमल ही मतदाताओं के मन में खिले नजर आते हैं।
बात चुनावों की आ ही गई तो इस साल मध्यप्रदेश में भी चुनाव हैं। और 29 मई को जब मोदी के मंत्री राज्यों में नरेंद्र मोदी के नौ साल की उपलब्धियां गिना रहे थे, तो दिल्ली में मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की बड़ी बैठक में राहुल गांधी ने ऐलान कर दिया कि मध्यप्रदेश में इस साल कांग्रेस 150 सीटें जीतेगी। तब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने पलटवार किया कि भाजपा 2023 में दो सौ पार पहुंचकर सत्ता का दरवाजा खटखटाएगी। पर बात फिर वही मोदी की, तो यह बात निर्विवाद है कि पूरी दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता मोदी ही हैं। रक्षा का क्षेत्र हो, अंतरिक्ष का क्षेत्र हो, विदेश नीति की बात हो या फिर कोरोना जैसी आपदा में वैक्सीन बनाकर जरुरतमंद देशों की मदद की बात…आज भारत का लोहा मानने को पूरी दुनिया खुशी-खुशी तैयार है। नौ साल से मोदी, गुजरात से निकलकर पूरे देश के दिलों पर राज कर रहे हैं, तो पूरी दुनिया मोदी के नेतृत्व की दीवानी हो गई है…।