Nisha Bangre’s Challenge : निशा बांगरे गरजी ‘दुनिया की कोई ताकत मुझे चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती!’

उन्होंने कहा 'मैं अगला विधानसभा चुनाव लडूंगी' पर उन्होंने पार्टी नहीं बताया!  

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Nisha Bangre’s Challenge : निशा बांगरे गरजी ‘दुनिया की कोई ताकत मुझे चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती!’

देखिए, वीडियो में उन्होंने क्या कहा!

Bhopal : डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफ़ा देने वाली निशा बांगरे ने धमकी दी कि मुझे चुनाव लड़ने से कोई रोक नहीं सकता। यदि द्वेष पूर्ण भावना के द्वारा मेरा नामांकन खारिज किया जाता है या मेरा इस्तीफा अस्वीकार कर चुनाव लड़ने से रोका जाता है, तो मैं आमरण अनशन कर अपने प्राण त्याग दूंगी। आज निशा बांगरे के इस वीडियो मैसेज ने राजनीतिक गलियारों में सनसनी मचा दी।

उन्होंने एलान किया कि दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोक सकती। अगर दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई के द्वारा उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाता है या उन्हें परेशान करने की नीयत से उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाता, तो वह आमरण अनशन करेंगी। वे अपने प्राण त्याग देंगी, पर अपने अधिकारों से समझौता करके जीना पसंद नहीं करूंगी।

उन्होंने अपने वीडियो मैसेज में जनता के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि किस तरीके से उन्हें अपने ही घर के उद्घाटन कार्यक्रम में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना में जाने से तथा भगवान बुद्ध की अस्थियों के दर्शन करने से शासन के पत्र द्वारा उन्हें रोका गया। जब इससे आहत होकर उन्होंने इस्तीफा दिया, तो उन्हें तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है।

उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया था, ताकि वे अपने घर पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हो सके। इसीलिए इस्तीफा देने के बाद ही वह कार्यक्रम में सम्मिलित हुई। इसके बावजूद शासन ने उन्हें बैक डेट में नोटिस जारी किए। एक महीने तक उनके इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। इसके बाद जब वे न्याय के लिए हाईकोर्ट की शरण में गई, तो कोर्ट को भी गुमराह करते हुए शासन ने हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी GAD के सर्कुलर के विपरीत उनके खिलाफ अपने घर के कार्यक्रम में सम्मिलित होने के कारण विभागीय जांच शुरू कर दी। फिर उसी जांच का हवाला देकर उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया गया।

प्रताड़ित किया जा रहा

उन्होंने कहा कि उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। इस तरीके से एक दलित महिला अधिकारी को बेवजह प्रताड़ित करने से दलित समुदाय, आदिवासी समुदाय और सभी महिलाओं में आक्रोश है। एक अधिकारी को इस तरीके से परेशान करने तथा बैक डेट में नोटिस देने से और बेवजह विभागीय जांच शुरू किए जाने से अंदर खाने अधिकारी वर्ग व्यथित है। शासन के इस कृत्य से उनके मन में भी दुख और असंतोष है।

निशा बांगरे ने अपने वीडियो मैसेज के जरिए आमला की जनता को यह स्पष्ट संदेश दिया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी या निर्दलीय चुनाव लड़ने वाली हैं। उनके इस वीडियो मैसेज के बाद भाजपा और कांग्रेस के सभी दावेदारों में खलबली मच गई। जो अब तक यह सोच रहे थे कि शायद उसके इस्तीफा को रोककर उन्हें राजनीति में जाने से रोका जा सकता है।

बोल्ड उद्घोषणा के लिए चर्चित

निशा बांगरे ने पहले भी कहा था कि दुनिया की कोई भी ताकत मुझे कार्यक्रम करने से नहीं रोक सकती। प्रशासन की कोशिशों के बावजूद और कुछ संगठनों के उनके कार्यक्रम को रोकने के प्रयास किए थे। लेकिन, वे उन्हें कार्यक्रम करने से नहीं रोक पाए और उनके कार्यक्रम में जनसैलाब भी उमड़ पड़ा था। इससे शासन और वर्तमान विधायक की बहुत किरकिरी हुई थी और उनके खिलाफ जनाक्रोश भी देखने को मिला था।