
Horrific Incident in Surat:10वीं मंजिल से गिरे नितिन भाई 8 वीं मंजिल की खिड़की के शेड में पैर फंसा और वो उल्टे लटक गए,फायर ब्रिगेड और पड़ोसियों ने बचाया
एक कहावत है डूबते को तिनके का सहारा ,बस समझ लीजिये एक खिड़की की ग्रील तिनके की तरह आसमान से 10 वीं मंजिल से गिरते हुए नितिन भाई का सहारा बन गई और वो आसमान से टपके और खजूर में अटके की तरह ग्रील में फंस गए और उनकी जान बच गई .हुआ कुछ यूं गुजरात के सूरत में 57 साल के नितिनभाई आडिया सुबह बेड पर खिड़की के पास सो रहे थे। उनका फ्लैट 10 वीं मंजिल पर था। खिड़की खुली थी। उसमें ग्रिल नहीं थी।
अचानक वो खिड़की से गिरे लेकिन किस्मत अच्छी थी। 8 वीं मंजिल की खिड़की के शेड में उनका पैर फंस गया और वो उल्टे लटक गए। लोगों ने उन्हें थामे रखा और फायर फाइटर्स को बुलाया। उन्हें एक रस्सी से बांधा गया। नीचे जाल बिछा दिया गया और फिर खिड़की की ग्रिल काटकर उन्हें भीतर खींच लिया गया। पूरी घटना कुछ इस प्रकार है –
गुजरात के सूरत में गुरुवार सुबह एक रौंगटे खड़े करने वाला हादसा सामने आया। टाइम गैलेक्सी बिल्डिंग की 10वीं मंजिल से गिरा एक शख्स 8वीं मंजिल की लोहे की खिड़की की ग्रिल में फंस गया और उल्टा लटकता रहा।
57 साल के नितिन भाई आडिया टाइम गैलेक्सी बिल्डिंग की 10वीं मंजिल पर रहते हैं। नितिन कल रात खिड़की के पास सो रहे थे। सुबह करीब 8 बजे वह चक्कर आने के कारण गिर गए। गनीमत रही कि नितिन 8वीं मंजिल की ग्रिल में अटक गए, जिससे उनकी जान बच गई।
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व्यक्ति को इस हालत में देखकर बिल्डिंग में रहने वाले लोग घबरा गए । सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और शख्स की जान बचाई। घटना का वीडियो भी सामने आया है।
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फायर ब्रिगेड की टीम ने बताया कि व्यक्ति को बचाने के लिए बिल्डिंग के नीचे सेफ्टी नेट लगाई गई और 10 से ज्यादा लोग उसे पकड़कर खड़े रहे, ताकि नीचे गिरने की स्थिति में जान बचाई जा सके। इसके साथ ही दूसरी टीम 8वीं मंजिल पर पहुंची।
रेस्क्यू के दौरान पहले व्यक्ति को रस्सियों और कपड़ों से सुरक्षित रूप से बांधा गया, ताकि गिरने का कोई खतरा न रहे। इसके बाद लोहे की ग्रिल को काटकर व्यक्ति को अंदर खींच लिया गया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू सफल रहा और व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया।
पड़ोसियों ने फायर ब्रिगेड आने तक उन्हें खिड़की से बमुश्किल पकड कर रखा ,लेकिन सच यह भी है कि मौत के मूंह से लौट आना शायद इसीको कहते हैं .





