No Car Day : शहर की सड़कों से कारें नदारद, जनता, जन प्रतिनिधि और अफसर सब साइकिल पर!
Indore : आज शहर की सड़कों पर ‘नो कार डे’ के कारण कारें बहुत कम दिखाई दे रही। लोगों ने आज कारों को छुट्टी दे दी और दोपहिया वाहन, सिटी बस या ई-रिक्शा से अपने काम पर निकल पड़े। सुबह अधिकांश दफ्तरों में भी अधिकारी और कर्मचारी कारें घर छोड़कर अन्य वाहनों से पहुंचे। कलेक्टर समेत सभी अधिकारी सिटी बस या साइकल से आए। ‘नो कार डे’ पर पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर साइकिल से दफ्तर पहुंचे। हाईकोर्ट में भी आज कार पार्किंग खाली रही। इंदौर की आबादी घोषित रूप से 35 लाख है, जबकि अघोषित रूप से 40 लाख से ज्यादा है। शहर में रजिस्टर्ड चार पहिया वाहनों की संख्या 21 लाख से ज्यादा है।
कलेक्टर इलैया राजा टी सिटी बस का सफर करके ऑफिस पहुंचे। वे घर से सिटी बस स्टॉप तक पैदल ही आए। सिटी बस काउंटर से टिकट खरीदा और बस से आए। उन्होंने बस में यात्रियों से ‘नो कार डे’ को लेकर चर्चा की। इससे पहले उन्होंने रास्ते में मिले एक ठेले से अमरूद (जाम) खरीदे। इंदौर विधानसभा क्षेत्र-एक के कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने भी महापौर के ‘नो कार डे’ का समर्थन करते हुए ई-रिक्शा से शहर में घूमने की बात कही। महापौर, कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर, संभाग आयुक्त से लेकर सरकारी विभागों के अधिकारियों ने भी कार का उपयोग नहीं करने की अपील की थी। निगम, प्रशासन और अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों ने भी कार नहीं चलाने का वादा किया था। आज उसी का पालन किया गया।
कलेक्टर इलैया राजा टी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, यातायात विभाग के डीसीपी मनीष अग्रवाल सहित पूरी टीम, अपर कलेक्टर रोशन राय, एसडीएम और तहसीलदार साइकिल से ऑफिस आए। नगर निगम के सभी अपर आयुक्त, अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों ने चार पहिया वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया। हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने भी इस अभियान का समर्थन किया। हाईकोर्ट ने पत्र जारी कर नो कार डे पर कार की जगह दो पहिया वाहन का प्रयोग करने के निर्देश दिए थे।
सभी ने आज कार को त्यागा
आईडीए सीईओ रामप्रकाश अहिरवार ने ‘नो कार डे’ के आह्वान के बाद सभी अधिकारियों को इसका पालन करने का निर्देश दिया। सीईओ अहिरवार बेटी को स्कूल छोड़ने भी साइकिल से पहुंचे। वहीं ऑफिस भी अपनी टीम के साथ साइकिल से रवाना हुए। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-5 के कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार स्वप्निल कोठारी भी साइकिल से घूमते दिखाई दिए। विधायक संजय शुक्ला ने नो-कार डे का समर्थन करते हुए कहा वे ई रिक्शा से भ्रमण किया।
83% आबादी के पास कारें
शहर की 83% आबादी चार पहिया वाहन का उपयोग करती है। सिर्फ 8-9% लोग ही लोक परिवहन में सफर करते हैं। ट्रैफिक जाम से राहत और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए शहर में शुक्रवार को नो-कार डे मनाया गया। इस साल स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में भी इंदौर देश में नंबर-वन आया। लेकिन, यह पुरस्कार शहर को इसे सुधारने के प्रयासों के लिए दिया गया। कार में ईंधन के जलने से हर वर्ष करीब 21 हजार लीटर पानी बनता है, जो बेकार जाता है। इसी तरह हर साल इन वाहनों से निकलने वाली गैस पर्यावरण को दूषित कर रही हैं।
देश में जाएगा अभियान का संदेश
पर्यावरण संरक्षण के क्रम में वायु प्रदूषण को रोकने के मकसद से शहर में चलाए ‘नो कार डे’ अभियान के तहत महापौर ने अपने घर से लोक परिवहन और ई-बाईक से राजबाडा पहुंचे। महापौर ने एमआईसी सदस्यों के साथ मां अहिल्या की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद सभी एमआईसी सदस्य और पार्षदों के साथ ई-बाइक व ई-रिक्क्षा से निगम मुख्यालय पहुंचे।
महापौर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्रम में वायु प्रदूषण को कम करने के उददेश्य से शहर में नो कार डे का अभियान चलाया गया। शहर में प्रारंभिक तौर पर यह नागरिकों के सहयोग से प्रेक्टिकल के रूप में सफल प्रयोग रहा है, इंदौर शहर के जागरूक नागरिक जो ठान लेते है, उसे करके ही रहते है। उनके उस सहयोग से ही इंदौर देश में यातायात प्रबंधन में अच्छा संदेश देगा। शहर की जनसंख्या तेजी से बढ रही है। शहर में लोक परिवहन बढाना बहुत ही जरूरी है। आज ‘नो कार डे’ की सफलता को देखते हुए, आने वाले समय में माह में एक बार तथा साल में 3 से 4 बार ‘ नो कार डे’ अभियान चलाया जाएगा।