No-Confidence Motion Against Dhankhar : सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव! 

राज्यसभा में टकराव के बाद विपक्ष यह अविश्वास प्रस्ताव लाया!

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No-Confidence Motion Against Dhankhar : सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव! 

New Delhi : विपक्ष की तरफ से राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से पहले ही दावा किया गया था कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूरी संख्या उनके पास है। यह स्थिति राज्यसभा में जारी टकराव की वजह से बनी है।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने मंगलवार को कहा था कि कांग्रेस के पास उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी आंकड़े हैं। उन्होंने कहा था कि हमारे पास बहस की मांग करने के लिए पर्याप्त से अधिक सांसदों का समर्थन है। रंजन ने कहा कि प्रस्ताव पेश करने के लिए 50 हस्ताक्षरों की आवश्यकता है, लेकिन हमें 70 सांसदों के हस्ताक्षर मिले।

अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया 

उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए किसी भी सदन (राज्यसभा या लोकसभा) के सदस्यों का कम से कम 14 दिन का लिखित नोटिस देना पड़ता है। इस नोटिस में उपराष्ट्रपति को हटाने के कारण स्पष्ट होने चाहिए।

– प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान संसद के दोनों सदनों में किया जाता है।

– प्रस्ताव पास होने के लिए दोनों सदनों में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता जरूरी है।

– इस दौरान उपराष्ट्रपति को अपनी बात रखने का भी पूरा अवसर दिया जाता है।

– यदि प्रस्ताव दोनों सदनों में विशेष बहुमत से पारित हो जाता है, तो उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटा दिया जाता है।

पक्षपाती व्यवहार का आरोप

विपक्ष ने सभापति के खिलाफ अचानक अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही के संचालन में उनके कथित पक्षपाती व्यवहार को लेकर किया। कांग्रेस तथा टीएमसी के राज्यसभा के दो वरिष्ठ सांसदों ने कहा कि धनखड़ सदन को सत्ता पक्ष का औजार बना रहे हैं। विपक्षी सांसदों को मुद्दे उठाने देना तो दूर उनकी बातों को भी रिकॉर्ड से बाहर कर दे रहे हैं। विपक्ष की तरफ से लगातार सभापति पर पक्षपात के आरोप लगाए जाते रहे हैं।

क्या कहना है टीएमसी का 

अभी तक 55 विपक्षी सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। हमें पता है कि हमारे पास राज्यसभा में जरूरी आंकड़े नहीं है। हमारा अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस किसी एक व्यक्ति जगदीप धनखड़ के खिलाफ नहीं है। यह एक संस्था के खिलाफ है। शीत सत्र के दौरान विपक्ष को अपनी बात कहने का मौका बार-बार राज्यसभा के अध्यक्ष ने नहीं दिया। इस अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के जरिए हम यह संदेश देना चाहते हैं कि सांसदों के अधिकार का भी सम्मान होना चाहिए।

विभिन्न मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे बैठक आरंभ होने पर सदन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्य महुआ माझी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं. इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के निधन का उल्लेख किया और उनके योगदान को याद किया।