75 विधायकों को कमलनाथ के बंगले और PCC में चुनाव तक नो एंट्री
भोपाल प्रदेश कांग्रेस ने अपने लगभग 75 विधायकों को चुनाव में कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में नो एंट्री जैसी स्थिति रहेगी। यह इसलिए किया गया है ताकि कांग्रेस के सभी विधायक भोपाल आने-जाने की जगह पर अपने ही क्षेत्र में हर वक्त सक्रिय रहें। इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि कांग्रेस अपने अधिकांश विधायकों पर फिर से इस चुनाव में दाव लगाएगी।
सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विधायकों तक यह संदेश पहुंचाया है कि वे अब भोपाल ना आए। उन्हें पार्टी से संबंधित जो भी काम हैं, वे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठने वाले पदाधिकारियों को बताए। कमलनाथ से काम है तो उनसे स्टाफ को बताए। पार्टी के काम के लिए अब इन्हें भोपाल आने की जरुरत नहीं हैं। यदि बहुत जरुरी कोई काम है तो ही उन्हें भोपाल आने को कहा गया है। दरअसल कांग्रेस इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। वर्तमान विधायकों में से अधिकांश को फिर से उम्मीदवार बनाए जाने का लगभग तय हो चुका है। इसलिए इन्हें हर हाल में क्षेत्र में सक्रिय रखने का काम कमलनाथ करवा रहे हैं। इसके चलते ही उन्हें भोपाल नहीं आने को कहा गया है।
*डोर टू डोर संपर्क*
बताया जाता है कि पीसीसी की ओर से यह भी विधायकों को कहा गया है कि डोर टू डोर अभी से संपर्क करना शुरू कर दें, ताकि लोगों के बीच में उनकी उपस्थिति दर्ज होती रहे। हालांकि महिलाओं से डेढ़ हजार रुपए महीने दिए जाने के वादे को लेकर भी फार्म भरवाए जा रहे हैं। इस अभियान में भी संगठन के साथ कभी-कभी विधायकों को साथ में जाने की सलाह दी गई है।
*इन विधायकों को छोड़ा*
कुछ विधायकों को इस व्यवस्था से दूर रखा गया है। इसमें पीसीसी चीफ कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, सीनियर एमएलए कांतिलाल भूरिया, सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, बाला बच्चन, जयवर्धन सिंह जैसे विधायक इस व्यवस्था से दूर रहेंगे। वे पार्टी के काम काज के साथ ही अपने क्षेत्र को देखते रहेंगे।