No Night Life: रात होती है सोने के लिए- शरीर को पुनः रिचार्ज करने के लिए

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No Night Life: रात होती है सोने के लिए- शरीर को पुनः रिचार्ज करने के लिए

अशोक मेहता की विशेष रिपोर्ट

No Night Life: रात होती है सोने के लिए- शरीर को पुनः रिचार्ज करने के लिए अभी नाइटलाइफ ग्लैमर की दिखती है पर पैसा समय और स्वास्थ्य तीनों बर्बाद होते हैं। युवा पीढ़ी के भविष्य की तरक्की के रास्ते लगभग बंद, क्योंकि दिल दिमाग पर सिगरेट, शराब, हुक्का बेहूदा नाच गाना म्यूजिक सब छाया हुआ है. उन्हे जो समय परिवार को देना चाहिए वह दोस्तों में बिता रहे हैं और इस दौरान उनका कोई दोस्त के साथ तनाव होगा तो उसका गुस्सा घरवालों पर निकल जाता है।
आज की अधिकांश पीढ़ी समाज के डर से नहीं चल रही कल्चर और परंपरा को कोई मान्यता नहीं देती है। कुछ के पास पैसा नहीं है और कामकाज मेहनत कर पैसा कमाने की उनका कोई मंशा भी नहीं है परंतु हर चीज ग्लैमर होना चाहिए. प्रेमिका है तो उसे खुश रखना है. गाड़ी घोड़े घूमना फिरना उन्हें सब करना है और इसके लिए वे शॉर्टकट रास्ता अपनाते हुए या तो गैरकानूनी धंधे करते है या लूटमार में लग जाते है।

ऐसा नहीं है कि पूरी की पूरी पीढ़ी गलत रास्ते पर है. कई ने मिसाल बनाई है. देश विदेश में भारत का नाम रोशन किया है। परिवार और स्वयं की तरक्की की है. कई ने अपने पारिवारिक कारोबार को बढ़ाया और घर परिवार की देखरेख कर रहे हैं। अक्सर कई लोग नाइट लाइफ से बहुत दूर होते हैं. वह अपना वक्त पढ़ने में, जनरल नॉलेज बढ़ाने में सपोर्ट में अपनी हेल्थ केयर में और परिवार के साथ बिताते हैं। युवाओं को धार्मिक संस्कार की अत्यंत आवश्यकता है इससे वे गलत रास्ते पर जाने से बचेंगे। भटकते युवाओं को सोशल ऑर्गेनाइजेशन अच्छे से काॅनसिंलिंग करें तो वह सुधर सकते हैं।