No Police Action on Illegal Mining : पुलिस अब अवैध खनन पर कार्रवाई नहीं करेगी, खनिज विभाग का आदेश!
Bhopal : रेत नियमों में संशोधन किया गया। नए निर्देश के अनुसार खनिजों के अवैध उत्खनन, भण्डारण परिवहन और ओवरलोड परिवहन पाए जाने पर पुलिस अब सीधे कार्रवाई नहीं करेगी। पुलिस इसकी सूचना अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को देगी। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर कार्रवाई करेगा।
मध्य प्रदेश राज्य खनिज निगम के माध्यम से रेत खदानों की वैधानिक स्वीकृतियां प्राप्त कर, खदानों से रेत के खनन और विक्रय के लिए समूहवार माईन डेवलपर कम ऑपरेटर की नियुक्ति की गई है। प्रदेश के 36 जिलों में रेत खदानों का अनुबंध कर खदानों का संचालन शुरू कर दिया गया। इसे लेकर खनिज विभाग ने जिले के कलेक्टर को निर्देश जारी किए है।
पुलिस से सिर्फ मदद ली जाएगी
इस संबंध में जारी आदेश में बताया गया कि खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर रोकथाम के लिए नियम-23 में प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा ही अधिकारिता के भीतर कार्रवाई की जा सकेगी। साथ ही उनके द्वारा आवश्यक होने पर संबंधित पुलिस थाने से पुलिस सहायता की मांग की जाएगी। पुलिस अधिकारी द्वारा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही जो अधिकारी और कर्मचारी जैसे पटवारी, सहायक उपनिरीक्षक प्राधिकृत नहीं है, उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग
खनिज विभाग अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मानव रहित चेक गेट पूरे प्रदेश में लगा रहा है। प्रदेश के 40 ऐसे स्थलों को चिन्हित किया गया, जहां से खनिजों का सर्वाधिक परिवहन होता है। इन सभी स्थलों पर आगामी 10 माह के भीतर चेक गेट व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। राज्य स्तर पर स्टेट कमांड सेंटर और जिला स्तर पर जिला कमांड सेंटर द्वारा अवैध परिवहन करने वाले वाहनों की निगरानी की जाएगी।
चेक गेट के सॉफ्टवेयर को ईटीपी जारी करने वाले पोर्टल के साथ इंटीग्रेट कर बिना रॉयल्टी का भुगतान कर परिवहन करने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ अवैध परिवहन का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा। साथ ही खनिज परिवहन करने वाले वाहनों में आरएफ टैग लगाया जाएगा, जिसकी सहायता से वाहन की वैधता की जांच की जा सकेगी। इसके साथ ही रेत सहित समस्त खदानों की जियो फेंसिंग की जा रही है। साथ ही समस्त खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को जीपीएस युक्त किए जाने की प्लानिंग है।