No salary to Panchayat Secretaries : पंचायत सचिवों को 4 महीने से वेतन नही!

सरकार से अलॉटमेंट नहीं मिला, अब आंदोलन की चेतावनी!

943

No salary to Panchayat Secretaries : पंचायत सचिवों को 4 महीने से वेतन नही!

Indore : कई महीनों से ग्राम पंचायत के सचिवों को वेतन नहीं मिलने से उनके सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया। इन्हें तीन से चार महीनों से तनख्वाह नहीं मिली है। ऐसे में उनके सामने परिवार का खर्च चलाने की समस्या खड़ी हो गई। कई बार उच्च अधिकारियों को मामले में जानकारी देने के बाद भी वे इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहे। आक्रोशित पंचायत सचिवों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

विभागीय सूत्रों के अनुसार इंदौर जिले की पंचायतों के सचिवों को करीब 4 महीनों से वेतन नहीं मिला। महू, देपालपुर, सांवेर तहसील स्थित ग्राम पंचायतों के सचिवों को तो पांच महीने से वेतन नहीं दिया गया। बताते हैं कि सरकार से अलॉटमेंट ही नहीं प्राप्त हुआ।

इंदौर जिले में 325 से भी ज्यादा ग्राम पंचायतें हैं। वेतन नहीं मिलने से परेशान सचिव कई बार भोपाल के आला अधिकारियों के चक्कर भी काट आए। कई बार मौखिक और विभागीय तरीकों से उच्च अधिकारियों के मामला संज्ञान में लाने की कोशिश भी की गई , लेकिन किसी भी उच्च अधिकारी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। यहां तक की जनपद कार्यालय इंदौर और जिला पंचायत इंदौर के अधिकारियों ने भी पंचायत सचिवों को वेतन दिलवाने की ओर ध्यान नहीं दिया।

अधिकारियों ने वेतन रोका
विभागीय सूत्र बताते हैं कि देपालपुर, महू और सांवेर तहसील स्थित ग्राम पंचायतों के सचिवों के वेतन के लिए विभाग से धनराशि अलॉट कर दी गई है। लेकिन, इंदौर के ही ल अधिकारी सचिवों की तनख्वाह रोके बैठे हैं। सचिवों ने कई बार उनके सामने गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया या बहाना बनाकर टाल दिया।

इस महीने भी 15 तक आशा
ग्राम पंचायत के सचिवों को इस महीने भी समय पर वेतन मिलने की आशा नहीं है। वे 15 के करीब ही तनख्वाह मिलने की उम्मीद कर रहे हैं, वह भी तक जब किसी उच्च अधिकारी की नजरें इनातय हो जाए। नाम न छापने की शर्त पर बताया गया कि यदि इस महीने भी 10 तारीख तक तनख्वाह नहीं मिली तो भोपाल में प्रदर्शन किया जाएगा। इससे सरकार के संज्ञान में मामला लाया जाएगा। आंदोलन के लिए अनुमति भी मांगी जा चुकी है।

अफसरों का अंदाज
मामले में विभागीय पक्ष जानने के लिए जनपद पंचायत सीईओ गोपाल शरण प्रजापति को उनके मोबाइल नंबर पर कई बार कॉल किया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। न ही एसएमएस का ही कोई उत्तर दिया। जब जनपद पंचायत सीईओ ने फोन नहीं उठाया तो विभागीय पक्ष जानने के लिए जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा को उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया। उन्होंने भी हमेशा की तरह कॉल रिसीव नहीं किया। जब उनके कार्यालय में प्रत्यक्ष रूप से मिलने पहुंचे तो उन्होंने कार्यालय के प्यून के माध्यम से कहलवाया कि आज समय नहीं है, बाद में आएं।