
अब मनेगा विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो दिवस और जलेगी विदेशी वस्तुओं की होली ….
कौशल किशोर चतुर्वेदी
ऐसे समय में जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय उत्पादों पर 25 फ़ीसदी टैरिफ लगाकर भारतीयों को आंख दिखा रहे हैं। पेनाल्टी लगाने का भय दिखाकर डरा रहे हैं और धमका रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर स्वदेशी की याद आना जरूरी हो गया है। ‘स्वदेशी’ का अर्थ है – ‘अपने देश का’। स्वतंत्रता आंदोलन के समय स्वदेशी रणनीति का लक्ष्य ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिकाधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक हानि पहुँचाना व भारत के लोगों के लिये रोजगार सृजन करना था। यह ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने और भारत की समग्र आर्थिक व्यवस्था के विकास के लिए अपनाया गया साधन था। 7 अगस्त 1905 से शुरू हुआ स्वदेशी आन्दोलन 1911 तक चला था। और भारतीय नागरिकों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वहीं महात्मा गांधी ने 22 अगस्त, 1921 को मुंबई में विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी। इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया था और विदेशी कपड़ों का बहिष्कार करके स्वदेशी अपनाने का संकल्प लिया था। स्वदेशी के इस भाव का भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान था।
अब एक बार फिर भारत में स्वदेशी आंदोलन बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है। और एक बार फिर विदेशी वस्तुओं की होली जलेगी और विदेशी कंपनियों को भारत छोड़ने की मुहिम चलाई जाएगी। 1991 में अपनी स्थापना के बाद से ही स्वदेशी जागरण मंच स्वदेशी अपनाने के लिए जनता में जागरूकता पैदा कर रहा है। स्वदेशी जागरण मंच द्वारा बड़ी संख्या में व्यापारियों और विनिर्माण कंपनियों के संघों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर 12 जून, 2025 को ‘स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान’ की शुरुआत की गई है। स्वदेशी आंदोलन को फिर से गति दी गई है, जिसका उद्देश्य देश के कोने-कोने में भारत को पुनः महान बनाने (जिसे प्रधानमंत्री ‘मीगा’ यानि मेक इंडिया ग्रेट अगेन कहते हैं) के लिए जागरूकता पैदा करना है। और अब इन्हीं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए स्वदेशी जागरण मंच 8 और 10 अगस्त को विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो दिवस मनायेगा और विदेशी वस्तुओं की होली जलेगी। स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि सामान्य रूप से विदेशी वस्तुओं का न्यूनतम उपयोग और चीन, तुर्की व अन्य विरोधी देशों की वस्तुओं और सेवाओं का बहिष्कार करना, कुछ अपवादों को छोड़, विदेशी विश्वविद्यालयों में अध्ययन का मोह त्यागना, स्थानीय उत्पादों का उपयोग और कारीगरों को बढ़ावा देना, न केवल मूल्यवान विदेशी मुद्रा बचाने में सहायक हो सकता है, बल्कि विकास के विकेंद्रीकृत मॉडल के आधार पर स्थानीय स्तर पर रोज़गार, आजीविका और लोगों के कल्याण को भी बढ़ावा दे सकता है।
ऐसे समय में जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारतीय उत्पादों पर 25 फ़ीसदी टैरिफ लगाकर भारतीयों को आंख दिखा रहे हैं। पेनाल्टी लगाने का भय दिखाकर डरा रहे हैं और धमका रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर स्वदेशी की याद आना जरूरी हो गया है। ‘स्वदेशी’ का अर्थ है – ‘अपने देश का’। स्वतंत्रता आंदोलन के समय स्वदेशी रणनीति का लक्ष्य ब्रिटेन में बने माल का बहिष्कार करना तथा भारत में बने माल का अधिकाधिक प्रयोग करके साम्राज्यवादी ब्रिटेन को आर्थिक हानि पहुँचाना व भारत के लोगों के लिये रोजगार सृजन करना था। यह ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने और भारत की समग्र आर्थिक व्यवस्था के विकास के लिए अपनाया गया साधन था। 7 अगस्त 1905 से शुरू हुआ स्वदेशी आन्दोलन 1911 तक चला था। और भारतीय नागरिकों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वहीं महात्मा गांधी ने 22 अगस्त, 1921 को मुंबई में विदेशी कपड़ों की होली जलाई थी। इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने भाग लिया था और विदेशी कपड़ों का बहिष्कार करके स्वदेशी अपनाने का संकल्प लिया था। स्वदेशी के इस भाव का भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान था।
अब एक बार फिर भारत में स्वदेशी आंदोलन बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है। और एक बार फिर विदेशी वस्तुओं की होली जलेगी और विदेशी कंपनियों को भारत छोड़ने की मुहिम चलाई जाएगी। 1991 में अपनी स्थापना के बाद से ही स्वदेशी जागरण मंच स्वदेशी अपनाने के लिए जनता में जागरूकता पैदा कर रहा है। स्वदेशी जागरण मंच द्वारा बड़ी संख्या में व्यापारियों और विनिर्माण कंपनियों के संघों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर 12 जून, 2025 को ‘स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान’ की शुरुआत की गई है। स्वदेशी आंदोलन को फिर से गति दी गई है, जिसका उद्देश्य देश के कोने-कोने में भारत को पुनः महान बनाने (जिसे प्रधानमंत्री ‘मीगा’ यानि मेक इंडिया ग्रेट अगेन कहते हैं) के लिए जागरूकता पैदा करना है। और अब इन्हीं उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए स्वदेशी जागरण मंच 8 और 10 अगस्त को विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो दिवस मनायेगा और विदेशी वस्तुओं की होली जलेगी। स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि सामान्य रूप से विदेशी वस्तुओं का न्यूनतम उपयोग और चीन, तुर्की व अन्य विरोधी देशों की वस्तुओं और सेवाओं का बहिष्कार करना, कुछ अपवादों को छोड़, विदेशी विश्वविद्यालयों में अध्ययन का मोह त्यागना, स्थानीय उत्पादों का उपयोग और कारीगरों को बढ़ावा देना, न केवल मूल्यवान विदेशी मुद्रा बचाने में सहायक हो सकता है, बल्कि विकास के विकेंद्रीकृत मॉडल के आधार पर स्थानीय स्तर पर रोज़गार, आजीविका और लोगों के कल्याण को भी बढ़ावा दे सकता है।
स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक कश्मीरीलाल के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत के संयोजक श्रीकांत बुधोलिया, क्षेत्रीय संयोजक सुधीर दाते, क्षेत्रीय संगठक केशव दुबोलिया महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्माण कर रहे हैं तो पूरे देश में उनके नेतृत्व में ही आंदोलन चलाया जा रहा है। जन अभियान और जन-आंदोलन का प्रयास उपभोक्ता को एक जागरूक नागरिक बनाना है, न कि केवल एक निष्क्रिय खरीदार। जब कोई चीनी आयात के बजाय स्थानीय उत्पाद चुनता है या विदेशी डिजिटल एकाधिकार के बजाय भारतीय प्लेटफ़ॉर्म का समर्थन करता है, तो वह राष्ट्र निर्माण में भागीदार होता है। स्वदेशी जागरण मंच ने सरकार से चीनी उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाने और अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते करते हुए राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का भी आह्वान किया है। मंच ने सरकार से ई-कॉमर्स दिग्गजों को विनियमित करने, उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जा रहे उत्पादों के भंडारण, शिकारी मूल्य निर्धारण और उनके पसंदीदा विक्रेताओं की प्रथा को रोकने और अपने स्वयं के लेबल वाले उत्पादों की बिक्री को रोकने का भी आह्वान किया है।
स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी के आह्वान का स्वागत किया है। जहाँ प्रधानमंत्री ने कहा है कि स्वदेशी उत्पादों की खरीद और बिक्री भी राष्ट्र की सच्ची सेवा है। मंच का दृढ़ विश्वास है कि हमारा राष्ट्र स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के आधार पर ही समृद्ध हो सकता है। स्वदेशी जागरण मंच देश के प्रत्येक नागरिक से ‘स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान’ का हिस्सा बनने का आह्वान करता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य हमारे भारत को फिर से महान बनाना है।
तो आओ सब मिलकर एक बार फिर देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो दिवस मनाएं और विदेशी वस्तुओं की होली जलाकर जन-जन को जागरूक बनाएं…।
स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी के आह्वान का स्वागत किया है। जहाँ प्रधानमंत्री ने कहा है कि स्वदेशी उत्पादों की खरीद और बिक्री भी राष्ट्र की सच्ची सेवा है। मंच का दृढ़ विश्वास है कि हमारा राष्ट्र स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के आधार पर ही समृद्ध हो सकता है। स्वदेशी जागरण मंच देश के प्रत्येक नागरिक से ‘स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान’ का हिस्सा बनने का आह्वान करता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य हमारे भारत को फिर से महान बनाना है।
तो आओ सब मिलकर एक बार फिर देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो दिवस मनाएं और विदेशी वस्तुओं की होली जलाकर जन-जन को जागरूक बनाएं…।





