Now IAS Posted in Central for 5 Years : केंद्र में पदस्थ 60% IAS को अब 5 साल का कार्यकाल मिलेगा!
New Delhi : केंद्र सरकार ने दिल्ली में पदस्थ 60% आईएएस अधिकारियों के लिए नया नियम बनाया है। अब सचिव और समान पदों पर नियुक्त किए गए करीब 60% आईएएस अधिकारियों को कम से कम 5 साल का कार्यकाल मिलेगा। सरकार चाहती है कि जो सीनियर पोस्ट पर हैं, उनका कार्यकाल लंबा होना चाहिए। हालांकि, रक्षा और गृह सचिवों को दो साल का तय कार्यकाल मिलता है, लेकिन अन्य अक्सर शिकायत करते हैं कि इससे फैसले लेने और नीतियों को लागू करने में दिक्कत होती है। इसलिए, मोदी सरकार कुछ अहम मंत्रालयों में अधिकारियों को चार-पांच साल के लिए तैनात कर रही है।
नए सरकारी बदलाव में 1993 बैच के 20 अफसरों को सचिव और ऊंचे पदों पर नियुक्त किया गया है। इनमें से 12 लोगों को अगले 5 साल से ज्यादा का कार्यकाल मिलेगा। पिछले साल जून में सचिव और सीनियर पोस्ट पर नियुक्त किए 1992 बैच के 20 आईएएस अधिकारियों में से भी 5 को सेवा में अगले 5 साल बिताने का मौका मिलेगा। नई सरकार के आने के बाद जून-जुलाई में ऊपर के स्तर पर बड़ा फेरबदल हो सकता है। हाल ही में नियुक्त कई अधिकारियों को अलग-अलग पदों पर तैनात किया जा सकता है।
इस बदलाव को लेकर पूर्व सचिवों का कहना है कि पहले 3 साल का कार्यकाल उपयुक्त माना जाता था। अब अधिकारियों को अभी 5-6 साल की सेवा बाकी रहते हुए सचिव बनाया जा रहा है, इसलिए उन्हें चार से पांच साल के लिए किसी खास विभाग में तैनात किया जाता है। इससे स्थिरता आती है और यदि उनके पास जुनून हो और उन्हें काम करने दिया जाए तो उनके पास बेहतर प्रदर्शन का समय मिलता है।
एक पूर्व आईएएस अधिकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान यह सुनिश्चित किया था कि अधिकारियों को राज्य में बेहतर काम करने के लिए लंबा कार्यकाल मिले। अधिकारियों का यह भी कहना है कि आईएएस अधिकारियों के जल्दी सचिव बनने का चलन इसलिए बढ़ा, क्योंकि उन्हें संयुक्त सचिव बनने में लगने वाला समय कम हो गया। पहले किसी को 20 साल की सेवा के बाद संयुक्त सचिव के रूप में नियुक्त किया जा सकता था, लेकिन अब यह घटकर 17-18 साल हो गया है।