Now IAS Will Also Learn Lesson of Cleanliness : IAS प्रशिक्षण अकादमी के डायरेक्टर ने इंदौर की स्वच्छता देखी, इसे प्रशिक्षण में भी शामिल करेंगे!

डोर टू डोर कचरा संग्रहण, जीटीएस सहित बायोगैस प्लांट का श्रीराम तरणीकांति ने अवलोकन किया!

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Now IAS Will Also Learn Lesson of Cleanliness : IAS प्रशिक्षण अकादमी के डायरेक्टर ने इंदौर की स्वच्छता देखी, इसे प्रशिक्षण में भी शामिल करेंगे!

Indore : इंदौर की स्वच्छता का पाठ अब यूपीएससी में चयनित होने वाले आईएएस को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में भी दिया जाएगा। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि इंदौर स्वच्छता में नंबर वन कैसे है, इसका प्रशिक्षण लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में आईएएस को दिया जाएगा। यह बात लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के डायरेक्टर श्रीराम तरणीकांति ने इंदौर के स्वच्छता मॉडल देखने के बाद कही।

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के डायरेक्टर अल्प प्रवास पर इंदौर आए। इस दौरान उन्होंने सुबह शहर में कस्टम कॉलोनी में डोर टू डोर कचरा संग्रहण कार्य, रेसीडेंसी क्षेत्र स्थित यातयात पार्क में कम्पोस्टिंग सिस्टम, राजशाही स्थित जीटीएस, आईसीसीसी सेंटर, देवगुराडिया स्थित बायो गैस प्लांट व अन्य प्लांट का अवलोकन किया। इस दौरान अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अखिलेश उपाध्याय और अन्य विभाग अधिकारी उपस्थित थे।

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के डायरेक्टर श्रीराम तरणीकांति ने सिटी बस ऑफिस स्थित आईसीसीसी सेंटर का भी अवलोकन किया। यहां निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने बताया कि किस प्रकार से इंदौर स्वच्छता के साथ ही लोक परिवहन वाहनों के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। इस दौरान स्मार्ट सिटी ऑफिस में अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने प्रेजेंटेशन के साथ इंदौर के स्वच्छता मॉडल के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के डायरेक्टर को इंदौर के स्वच्छता अभियान के विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पहले शहर में जगह-जगह कचरा पेटियां हुआ करती थी। कचरा पेटी के आस-पास कचरे के ढेर लगे होते थे। इसके बाद इंदौर ने स्वच्छता अभियान के तहत इंदौर को कचरा पेटी से मुक्त करते हुए शहर के चिंहित वार्ड में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहन चलाए। इनका जीपीएस सिस्टम के माध्यम से मॉनिटरिंग किया जा रहा है। सभी कचरा संग्रहण वाहन अपने निर्धारित रूट व समय पर अपने कार्य क्षेत्र में कार्य कर रहे है।

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उन्होंने यह भी बताया कि शहर को ओडीएफ मुक्त कैसे किया। पहले गीला-सूखा कचरा संग्रहित किया जाता है, अब हर दिन 6 डस्टबिन की तर्ज पर 6 प्रकार का कचरा संग्रहित किया जा रहा है। थैला बैंक, बर्तन बैंक, डिस्पोजल फ्री क्षेत्र, जीरो वेस्ट इवेंट, जीरो वेस्ट शादी, नाला सफाई अभियान, नाला क्रिकेट, नाला मेडिकल चेकअप, नाला फुटबॉल, नाला दंगल व अन्य गतिविधियेां के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही डोर टू डोर कचरा संग्रहण वाहनो से संग्रहित कचरे को गार्बेज कचरा ट्रांसफर स्टेशन तक किस प्रकार से पहुंचाया जा रहा है।

यह भी बताया कि इस सेग्रिगेट कचरे को किस प्रकार से ट्रेचिंग ग्राउंड पर डीसेंट्रलाईज्ड मटेरियल रिकवरी प्लांट व ड्राय वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट, कम्पोस्ट प्लांट में प्रोसेस किया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रेचिंग ग्राउंड में बायागैस प्लांट के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह एशिया को बड़ा बायोगैस सीएनजी प्लांट है, जहां पर गीले कचरे से बायोगैस का निर्माण किया जाकर उसे लोक परिवहन में उपयोग किया जा रहा है।