अब महंगाई पर नजर या सरकार चली मिशन-2024 की डगर …

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इस साल की शुरुआत शनिवार के दिन से हुई थी। शनि न्याय के देवता हैं और उम्मीद यही है कि इस साल में आमजन के हित में न्याय होकर रहेगा। मई महीना का तीसरा शनिवार न्याय की एक झलक लेकर आया है देश की सवा सौ करोड़ से ज्यादा आबादी के लिए। सरकार ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। एलपीजी गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की गई है।
इसे भारी इस लिहाज में माना जा सकता है कि पेट्रोल-डीजल सौ पार हो रहे थे, अब पेट्रोल-डीजल को अंडर 100 करने की यह कवायद रंग दिखाएगी। तो गैस सिलेंडर के दाम हजार पार हो रहे थे, सो हजार से नीचे लाने में सरकार सफल हो गई है। गैस सिलेंडर के दाम 200 रुपए कम कर दिए गए हैं। वहीं पेट्रोल पर 9.50 रुपए और डीजल पर 7 रुपए प्रति लीटर कम किए गए हैं। मतलब साफ है कि महंगाई पर विजय तो मोदी और भाजपा शासित राज्य सरकारों की जय-जय।
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यानि कि अब महंगाई पर केंद्र सरकार की नजर पड़ गई है या फिर सरकार मिशन-2024 की डगर चल पड़ी है। और दूरदर्शिता के साथ एक तीर से कई निशान पर संधान किया है। क्योंकि मिशन-2024 से पहले 2022-23 में पश्चिम से पूर्व और उत्तर से दक्षिण के बीच कई राज्यों में होने वाले चुनावों में भी विपक्ष के मुंह से महंगाई का निवाला छीना जा रहा है। अब पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में कमी करने का यही मकसद है कि हर घर में सेंध लगा भरोसा जीतने की कवायद। गरीबों को उज्जवला गैस दे ही दी है और अब साल में बारह यानि हर महीने एक गैस सिलेंडर पर 200 रुपए की सब्सिडी भी।
विपक्ष हमला करता था कि डीजल के दाम में बढ़ोतरी मतलब हर चीज के महंगा होने का रास्ता साफ। तो अब केंद्र सरकार ने बताने की कोशिश की है कि हर चीज के सस्ता होने की शुरुआत हो चुकी है। और 2024 तक महंगाई शब्द को अतीत में धकेलने की छवि बनाने की कवायद तो होगी ही । खैर विपक्ष के पास मुद्दों की कमी नहीं है एक मुद्दा छिन भी जाए तो क्या है? उसी तरह सरकार के पास उपलब्धियां भरी पड़ी है, एक उपलब्धि महंगाई पर मार भी जुड़ जाए तब भी ठीक ही है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क कम कर दिया है। इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि हम पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर कम कर रहे हैं, इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 7 रुपए प्रति लीटर कम होगी। इसमें विशेष बात यह है कि दो दिन पहले ही रसोई गैस पर 3.50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़े थे और कॉमर्शियल सिलेंडर पर 8 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़े थे।
अब महंगाई पर नजर या सरकार चली मिशन-2024 की डगर ...
इस बढ़ोतरी के बाद देश में सिलेंडर के दाम एक हजार रुपए के पार पहुंच गए थे। अब दो दिन बाद ही सरकार ने रिवर्स गियर लगाकर महंगाई से राहत दिलाने का भरोसा जगाने का मिशन शुरू कर दिया है। आम जनता पर रिवर्स गियर का सकारात्मक असर पड़ेगा, यह तय है। क्योंकि घरेलू गैस हर घर में भाजपा के भरोसे का खाना पकाएगी और पेट्रोल के रेट में कमी हर मजदूर से लेकर मध्यम वर्ग की बाइक और स्कूटी की गति के साथ जेब की सेहत का सहारा बनेगी और डीजल के रेट में कमी पूरे बाजार को राहत देकर जनता को चारों तरफ से पड़ रही महंगाई की मार से बचाकर केंद्र सरकार के प्रति विश्वास को मजबूत करेगी।
यह उम्मीद केंद्र सरकार की भी होगी और 2024 से पहले चुनाव वाले भाजपा शासित राज्यों के नेता तो इतने खुश हैं कि जैसे जीत की सारी मुरादें अभी से ही पूरी हो गईं हों। दाम इसी तरह लगातार कम होते हुए 2014 से पहले की तरह हो जाएं, तो अवाम की खुशी भाजपा को लगातार नाचने-गाने और ढोल बजवाने का मौका देती रहेगी और राष्ट्रभक्ति के रंग में रंगी रहेगी।