
ROB के जटिल मामलों का निराकरण अब EnC की कमेटी करेगी,इंदौर में पोलोग्राउंड पुल के मोड़ की डिजाइन बदलेगा PWD
भोपाल: प्रदेश में रेलवे क्रासिंग पर बनने वाले रेलवे ओवर ब्रिज के जटिल मामलों का निराकण अब लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी। यह कमेटी इंदौर में पोलोग्राउंड के समीप बनने वाले आरओबी के मोड़ की डिजाइन में बदलाव कर यहां डिलाइन स्पीड को 23 से 27 किलोमीटर प्रति घंटे तक वाहन निकलने लायय बनाएगी।
भारत सरकार द्वारा रेलवे के ऐसे लेवल क्रासिंग जिनपर रेलवे ओवर ब्रिज बनाये जाने हैं उनका चुनाव किया गया। इनमें ऐसे स्थान भी हैं, जहाँ घनी आबादी से क्रॉस रोड निकलते हैं, परंतु लेवल क्रासिंग को खत्म करने और यातायात की सुविधा के लिए सरकार ने इन स्थानों पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाये जा रहे हैं।
राज्य शासन द्वारा जटिल प्रकरणों के निराकरण के लिए हाई पॉवर कमेटी का प्रमुख अभियंता की अध्यक्षता में गठन किया गया है। इस समिति में यह भी प्रावधान रखा है कि भविष्य की परियोजनाओं में विभाग प्रतिष्ठित संस्थानों और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सेवाएं आवश्यकता पड़ने पर ले सकता हैं।
आईआरसी कोड 86 एवम आईआरसी 38 -1988 के अनुसार नगरीय क्षेत्र में न्यूनतम टर्निंग रेडियस 15 मीटर तक स्वीकार योग्य होती है । पोलोग्राउंड के समीप निमार्णाधीन आर.ओ.बी. में पोलोग्राउंड की ओर रेडियस कर्वेचर 17.5 मीटर है, जो कि आईआरसी मानक अनुसार न्यूनतम रेडियस आॅफ कर्वेचर से अधिक है जिसके अनुसार डिजाइन स्पीड लगभग 22 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। उपरोक्त स्थान पर मोड़ का डिजाइन प्रक्रियाधीन है जिसमें कर्वेचर को बढ़ाने के प्रयास विभाग द्वारा खोजे जा रहे हैं ताकि डिजाइन स्पीड को बढ़ाया जा सके। संभावना है कि डिजाइन स्पीड को बढ़ा कर 23-27 किलोमीटर तक लाया जा सकता है।
आरओबी के टर्निंग कर्व्स के लिए उपलब्ध रेडियस के आधार पर इन स्थानों पर ब्रिज की चौड़ाई, सुपर एलिवेशन, और ब्रिज सरफेस का फ्रिक्शन सरफेस डिजाइन किया जाएगा और उन्ही गणनाओं से ब्रिज के ऊपर चलने वाले वाहनों की आवाजाही के लिए स्पीड तय की जाएगी। आरओबी की लोकेशन के हिसाब से जितनी अधिक से अधिक टर्निंग रेडियस मिलेगी उतना विभाग द्वारा उपयोग किया जावेगा, उसी अनुसार मोड़ पर डिजाइन किए जा रहे हैं।





