Now The Focus of The Country Is On Green Growth,पर्यावरण मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के एकता नगर में पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया।दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘आज का नया भारत, नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है. आज भारत तेज़ी से विकसित होती अर्थव्यवस्था भी है, और निरंतर अपनी इकोलॉजी को भी मजबूत कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे फॉरेस्ट कवर में वृद्धि हुई है और वेटलैंड्स का दायरा भी तेज़ी से बढ़ रहा है.’ उन्होंने कहा कि ‘अपने कमिटमेंट को पूरा करने के हमारे ट्रैक रिकॉर्ड के कारण ही दुनिया आज भारत के साथ जुड़ भी रही है. बीते वर्षों में गिर के शेरों, बाघों, हाथियों, एक सींग के गेंडों और तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हुई है. कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में चीता की घर वापसी से एक नया उत्साह लौटा है.
पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश-भारत ने 2070 तक Net zero का टार्गेट रखा है। अब देश का फोकस ग्रीन ग्रोथ पर है, ग्रीन जॉब्स पर है। इन सभी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए, हर राज्य के पर्यावरण मंत्रालय की भूमिका बहुत बड़ी है।
मैं देश के सभी पर्यावरण मंत्रियों से आग्रह करूंगा कि राज्यों में सर्कुलर इकॉनॉमी को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा दें। इससे Solid Waste management और सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति के हमारे अभियान को भी ताकत मिलेगी।
आजकल हम देखते हैं कि कभी जिन राज्यों में पानी की बहुलता थी, ग्राउंड वॉटर ऊपर रहता था, वहां आज पानी की किल्लत दिखती है। ये चुनौती सिर्फ पानी से जुड़े विभाग की ही नहीं है बल्कि पर्यावरण विभाग को भी इसे उतना ही बड़ी चुनौती समझना होगा।
आज का नया भारत, नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है। आज भारत तेजी से विकसित होती इकोनॉमी भी है, और निरंतर अपनी इकोलॉजी को भी मजबूत कर रहा है। हमारे forest cover में वृद्धि हुई है और wetlands का दायरा भी तेज़ी से बढ़ रहा है।
Wild-Fire की वजह से Global Emission में भारत की हिस्सेदारी भले ही नगण्य हो, लेकिन हमें अभी से जागरूक होना होगा। हर राज्य में Forest Fire Fighting Mechanism मजबूत हो, Technology Driven हो, ये बहुत जरूरी है।
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना, देश का विकास, देशवासियों के जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास सफल नहीं हो सकता। लेकिन हमने देखा है कि Environment Clearance के नाम पर देश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण को कैसे उलझाया जाता था।
परिवेश पोर्टल, पर्यावरण से जुड़े सभी तरह के clearance के लिए single-window माध्यम बना है। ये transparent भी है और इससे approval के लिए होने वाली भागदौड़ भी कम हो रही है। आठ साल पहले तक environment clearance में जहां 600 से ज्यादा दिन लग जाते थे, वहीं आज 75 दिन लगते हैं।