भोपाल नवाब की 5000 करोड़ की विवादित जमीन पर बेचने-खरीदने पर आपत्ति, उठी रोक की मांग

- कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर शत्रु संपत्ति, मर्जर की जमीनों, इनायतनामा, हिब्बानामा सहित संपत्तियों को लेकर लगाए गए कई आरोप

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भोपाल नवाब की 5000 करोड़ की विवादित जमीन पर बेचने-खरीदने पर आपत्ति, उठी रोक की मांग

भोपाल: भोपाल रियासत की मर्जर, शत्रु, इनायतनामा, हिब्बानामा और नवाबी संपत्तियों की खरीदी-बिक्री, नामांतरण, रजिस्ट्री, बिल्डिंग परमिशन और अनापत्ति प्रमाण पत्र पर रोक लगाई जाए। यह मांग समाजसेवी अमिताभ अग्निहोत्री ने भोपाल कलेक्टर को 47 पृष्ठों का ज्ञापन सौंपते हुए की। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी, 2002 को याचिका क्रमांक 6054/2001 में भोपाल की मर्जर संपत्तियों पर रोक लगाई थी। इसके पालन में कलेक्टर भोपाल ने 23 मार्च, 2002 को आदेश जारी कर खरीदी-बिक्री और नामांतरण पर रोक लगाई थी। हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति कार्यालय, दिल्ली द्वारा 8 मई, 2025 को जारी पत्र में बताया गया कि भोपाल सहित सभी जिलों में शत्रु संपत्तियों की पहचान के लिए संयुक्त निरीक्षण चल रहा है।

ऐसे में समाजसेवी अग्निहोत्री ने मांग की कि यह रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। भारत सरकार के कस्टोडियन आॅफ एनेमी प्रॉपर्टी, मुंबई कार्यालय ने 24 फरवरी, 2015 को पत्र जारी कर नवाब भोपाल की चल-अचल संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया। उत्तराधिकारी आबिदा सुल्तान को पाकिस्तानी नागरिक मानते हुए यह निर्णय लिया गया।

गौरतलब है कि भोपाल नवाब की कुल संपत्ति 15000 करोड़ की है, इसमें 5000 से ज्यादा विवादित चल रही है। ऐसे में इस पर रोक लगाने की मांग उठी है।

1950 तक इनायतनामा और हिब्बानामा पर रोक थी

रिपोर्ट में बताया गया कि 14 अप्रैल, 1934 से 26 जनवरी, 1950 तक इनायतनामा और हिब्बानामा पर रोक थी। इस अवधि की संपत्तियों की जांच की मांग की गई। ग्राम बेहटा में आफताब जहां बेगम द्वारा 30.55 एकड़ भूमि एक गृह निर्माण संस्था को दी गई। सवाल उठाया गया कि क्या यह शत्रु संपत्ति मानी जाएगी। हाईकोर्ट के 31 अगस्त, 2004 के आदेश के 20 साल बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। ज्ञापन में मांग की गई कि संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।