प्रभु प्रेमी संघ के स्थापना दिवस पर संघ परिवार मनाएगा पाटोत्सव, धर्मप्रेमी जनता से अधिकाधिक संख्या में भाग लेने की अपील!

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प्रभु प्रेमी संघ के स्थापना दिवस पर संघ परिवार मनाएगा पाटोत्सव, धर्मप्रेमी जनता से अधिकाधिक संख्या में भाग लेने की अपील!

महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरि जी द्वारा किया गया संस्थापित!

Ratlam : शहर के टाटानगर स्थित बुद्धेश्वर हॉल में 5 नवम्बर को जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री अवधेशानंद गिरीजी महाराज द्वारा संस्थापित प्रभु प्रेमी संघ के स्थापना दिवस पर पाटोत्सव का भव्य आयोजन होगा। इसमें गुरूभक्त स्वामीजी का जन्मोत्सव भी मनाएंगे। इस मौके पर प्रसिद्ध भजन गायक पंडित मृदुल कृष्ण जोशी अपनी सुमधुर प्रस्तुतियां देंगे। इसमें अपरान्ह 4 बजे पादूका-पूजन होगा इसके बाद भजनों की प्रस्तुति होगी।

प्रभु प्रेमी संघ अध्यक्ष हरीश सुरोलिया, मनोहर पोरवाल, कैलाश व्यास, प्रमोद राघव, केबी व्यास, नारायणलाल शर्मा, रामेश्वर खंडेलवाल, जयेश झालानी, संजीव पाठक, नवीन भटट, भूषण व्यास, संजय सोनी (अग्रोया), मुकेश सोनी (जलोतिया), विरेन्द्र जोशी, आरआर दुबे, लल्लन सिंह ठाकुर विष्णुदत्त नागर एवं वरिष्ठ पत्रकार अरुण त्रिपाठी आदि ने गुरूभक्तों ने पाटोत्सव में अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होने का आव्हान किया हैं।

संपूर्ण आध्यात्मिक संस्था के रूप में 1992 में हुई प्रभु प्रेमी संघ की स्थापना!

संस्था अध्यक्ष हरीश सुरोलिया ने बताया कि जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी श्री अवधेशानंदगिरिजी महाराज जूना अखाडा के प्रथम पुरूष माने जाते है। जूना अखाड़ा भारत का सबसे प्राचीन एवं बडा समूह है, जिसके 10 लाख से अधिक नागा साधुगणों को स्वामीजी ने गुरुदीक्षा प्रदान की है।

स्वामीजी उनके पहले गुरू है। उनके आश्रम कनखल हरिद्वार और अंबाला में स्थित हैसनातन धर्म के देदीत्यमान नक्षत्र माने जाने वाले पूज्य स्वामी जी ने अपने सन्यास जीवन के आरंभ में गहन आध्यात्मिक साधना की और फिर जूना अखाड़ा से जुड़े निरंतर ऊँचाइयों को प्राप्त करते हुए 1998 में आचार्य एवं महामंडलेश्वर की उपाधि से सुशोभित हुए है।

स्वामी जी ने 1992 में संपूर्ण आध्यात्मिक संस्था के रूप में प्रभु प्रेमी संघ की स्थापना की थी, जिसका उददेश्य भारत ही नहीं संपूर्ण संसार में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना है।

संयोग से इसकी स्थापना कार्तिक मास की पूर्णिमा को हुई, इसलिए प्रतिवर्ष यह दिन पाटोत्सव के रूप में मनाया जाता है। प्रभु प्रेमी संघ की शाखाएं भारत ही नहीं विदेशों में भी स्थापित है। इनके माध्यम से पूज्य स्वामी जी के लाखों अनुयायी उनके बताए मार्ग पर चलने को तत्पर रहते है।

पूज्य स्वामी अवधेशानंदजी को परम पूज्य दादा गुरू निवृत्तमान शंकराचार्य स्वामी श्री सत्यमित्रानंद गिरिजी महाराज ने भारत माता मंदिर हरिद्वार और उनके द्वारा संस्थापित समन्वय परिवार का भी उत्तराधिकारी बनाया। इसके बाद स्वामी जी जूना अखाड़ा के आचार्य के साथ भारत माता मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे है और समन्वय परिवार के माध्मय से भी असंख्य गुरू भक्त उनके सानिध्य में आध्यात्मिक साधना कर रहे है। पूज्य स्वामीजी ने अनेकों श्रीमद भागवत कथा, श्री राम कथा श्रीमद देवी भागवत एवं श्री शिव पुराण कथा के माध्यम से अपने भक्तों को लाभान्वित किया हैं!