One nation One election : रामनाथ कोविंद कमेटी की ‘एक देश एक चुनाव’ की रिपोर्ट को कैबिनेट की मंजूरी!

अब संविधान संशोधन और राज्यों की मंजूरी के बाद ही यह लागू किया जा सकेगा!

353

One nation One election : रामनाथ कोविंद कमेटी की ‘एक देश एक चुनाव’ की रिपोर्ट को कैबिनेट की मंजूरी!

New Dehli : केंद्रीय कैबिनेट ने आज ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर रामनाथ कोविंद की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। यह ‘एक देश एक चुनाव’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रामनाथ कोविंद कमेटी की रिपोर्ट को मंजूरी के बाद अब इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। लेकिन, सरकार के लिए इसे पूरी तरह से लागू करना चुनौतीपूर्ण होगा। मंजूरी मिलने के बाद अब इस पर संविधान संशोधन और सभी राज्यों की सहमति की आवश्यकता होगी।

‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के लिए सरकार ने एक कमेटी बनाई थी जिसके चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे। कोविंद ने अपनी रिपोर्ट दी जिस पर आज मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दी। हालांकि इसके बाद आगे का सफर आसान नहीं है। इसके लिए संविधान संशोधन और राज्यों की मंजूरी भी जरूरी है, उसके बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा।

IMG 20240918 WA0051

बिल शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा 

माना जा रहा है कि अब केंद्र सरकार इसे शीतकालीन सत्र में संसद में लाएगी। हालांकि, ये संविधान संशोधन वाला बिल है और इसके लिए राज्यों की सहमति भी जरूरी है। 2024 के आम चुनाव में बीजेपी ने वन नेशन वन इलेक्शन का वादा किया था। मार्च में रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में पैनल ने अपनी 18,626 पेज वाली रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। कैबिनेट की ओर से हां के संकेत एक दिन पहले ही मिल गए थे, जब गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ‘एक देश एक चुनाव’ मोदी सरकार 3.0 के कार्यकाल के दौरान अगले पांच वर्षों के भीतर लागू किया जाएगा। शाह ने कहा था कि सरकार इस कार्यकाल के भीतर एक राष्ट्र एक चुनाव लागू करने की योजना बना रही है।

पिछले महीने ऐतिहासिक तीसरी बार शपथ लेने के बाद अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘एक देश एक चुनाव’ का जिक्र किया था। उन्होंने जोर देकर कहा था कि लगातार चुनाव देश के विकास को धीमा कर रहे थे।

सहयोगी दलों का साथ भी मिला 

बीजेपी सहयोगी, जेडीयू और एलजेपी ने भी औपचारिक रूप से इस कदम का समर्थन किया। वहीं विपक्षी दलों ने विरोध किया। जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि जेडीयू एनडीए की एक राष्ट्र-एक चुनाव योजना का पूरा समर्थन करता है। ऐसा करने से देश को न केवल लगातार चुनावों से छुटकारा मिलेगा, बल्कि केंद्र स्थिर नीतियों और साक्ष्य पर आधारित सुधारों पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।