Online Betting : ‘आईटी कंपनी’ की आड़ में ऑनलाइन सट्टे का कंट्रोल रूम पकड़ा!

देश के 15 फैला, कई शहरों में एजेंट नियुक्त करके सट्टेबाजी!    

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Online Betting : ‘आईटी कंपनी’ की आड़ में ऑनलाइन सट्टे का कंट्रोल रूम पकड़ा!

Indore : क्राइम ब्रांच पुलिस ने ऑनलाइन सट्टे का बड़ा रैकेट पकड़ा, इसका नेटवर्क 15 राज्यों में फैला है। आईटी कंपनी की आड़ में बदमाश सट्टे का कंट्रोल रूम बनाकर सट्टा चला रहे थे। कई शहरों में उन्होंने अपने एजेंट नियुक्त कर रहे थे। इस पर कार्रवाई के लिए प्रदेश के गृह मंत्रालय से भी आदेश जारी हुए थे। इस गिरोह के तार खाड़ी देशों से जुड़े हैं। देश के बाहर के सर्वर का उपयोग करके ये गोरखधंधा संचालित किया जा रहा था।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर के मुताबिक, लंबे समय से जानकारी मिल रही थी कि शहर में सट्टा माफिया सक्रिय है, जो युवकों को लत लगाकर हर महीने करोड़ों रुपए कमा रहा है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष अग्रवाल ने आईपी एड्रेस के आधार पर जानकारी जुटाई। क्राइम ब्रांच ने ऐरन हाइट्स (विजय नगर) में छापा मारकर विशाल सोलंकी, गोविंद राठी और अमन को गिरफ्तार किया।

जानकारी के अनुसार ये सभी दिखावे के लिए आईटी कंपनी संचालित करते थे। जबकि इनका मुख्य काम ऑनलाइन (राकीबुक डाटकाम) का कंट्रोल रूम संभालना था। इस कार्यालय से पूरे देश में ऑनलाइन आईडी बनाई जाती थी। इन बदमाशों ने एंड्रोयड फोन का उपयोग करने वाले हजारों युवकों को इस सट्टे की लत लगा दी थी। पुलिस के मुताबिक यह एकमात्र कंट्रोल रूम है। इसके मुख्यालय और सरगना की जांच अभी जारी है। शुरूआती जानकारी से इतना पता चला है कि सर्वर विदेश में है। एक टीम को पंजाब और हरियाणा भी भेजा गया है।

 

पर्दे के पीछे रमेश चौरसिया

पुलिस ने भले ही राकीबुक डाटकाम पर छापा मारा, लेकिन सरगना मुंबई निवासी कोई रमेश चौरसिया है, जो ‘गेम किंग’ के नाम से ऑनलाइन सट्टा चलाता है। इसका नेटवर्क 15 राज्यों में फैला है। उसका मुख्य आदमी राहुल चौरसिया है, जो इंदौर में शाहिद रांगा, रफीक टेंशन आदि के साथ मिलकर सट्टा संचालित करता है। आरोपियों के खिलाफ पिछले दिनों सिमरोल क्षेत्र के अनिल और दिलीप ने शिकायत की थी।

शिकायत करने वाले दोनों युवकों ने एजेंट संदीप, शशिकांत, राजेश, सुभाष, गौरव, राहुल आदि के जाल में फंसे और करोड़ों रुपए गंवा दिए। मामला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचा और उन्होंने गोपनीय जांच करवाई। मुख्यमंत्री ने 16 दिसंबर को ऑनलाइन सट्टे पर नकेल कसने के लिए अपर मुख्य सचिव (गृह) की अध्यक्षता में कमेटी बनाई, इसके बाद क्राइम ब्रांच ने यहां छापा मारकर इसका खुलासा किया।