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Open Robbery in Name of Parking : इंदौर रेलवे स्टेशन पर पार्किंग के नाम पर ठेकेदार की लूट, 15 की जगह 25 रुपए की वसूली!
Indore : पश्चिम रेलवे के इंदौर रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म नंबर 1 का पार्किंग ठेकेदार खुलेआम लोगों को लूट रहा है। यहां पर पार्किंग ठेकेदार वाहन चालकों से 6 से 12 घंटे के 25 रुपए वसूली कर रहा है। जबकि, नियमानुसार इतने समय के लिए 15 रुपए चार्ज लिया जाना चाहिए। यह शुल्क रेलवे द्वारा तय किया गया है। लेकिन, पार्किंग ठेकेदार यहां दादागिरी कर जबरिया वसूली कर रहा है। पार्किंग ठेकेदार ने यहां जबरन वसूली करने के लिए बदमाशों को भी रख रखा है, जो मनमानी के विरूद्ध आपत्ति लेने वाले वाहन चालकों से विवाद कर डरते-धमकाते भी है। यह सब कुछ रेलवे अधिकारियों की आंखों के सामने हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी वे कभी कोई कार्रवाई पार्किंग ठेकेदार के खिलाफ नहीं करते हैं।
एक यात्री ने बताया कि वह देवास जा रहा है और उसने 6 घंटे के लिए वाहन रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 की रेलवे पार्किंग में रखा। जब उसने पार्किंग ठेकेदार के यहां काम करने वाले से किराया पूछा तो उसने 25 रुपए की रसीद थमा दी। यात्री ने कहा कि इतने समय के लिए तो मात्र 15 रुपए लगना चाहिए। इस पर पार्किंग ठेकेदार के यहां काम करने वाले किराये के लोग विवाद करने लगे। कहने लगे कि गाड़ी यहां पार्क करना है तो 25 रुपए ही देने होने नहीं तो अपनी गाड़ी उठाओ और यहां से निकल लो। इसके साथ ही अभद्रता करने लगे।
यहां तक कि गाली-गलौज तक करने लगे। यात्री ने बताया कि उसे देवास जरूरी जाना था, इसलिए मजबूरी में गाड़ी वहीं खड़ी की और 25 रुपए ही देने पड़े। मामले की जानकारी रेलवे स्टेशन पर मौजूद रेलवे अधिकारियों को दी तो उन्होंने भी ठेकेदार का ही पक्ष लेते हुए कहा कि दिखवाते हैं। उधर, ठेकेदार का कह रहा था कि किसी के भी पास चले जाओ कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
शिकायत पुस्तिका दर्ज नहीं करने दी शिकायत
यात्री ने बताया कि जब मैं वापस लौटकर आया और मामले की शिकायत रेलवे स्टेशन पर मौजूद शिकायत पुस्तिका में दर्ज करना चाही तो वहां मौजूद अधिकारी और कर्मचारी मुझे ही आरोपी समझने लगे। मेरे ऊपर प्रश्नों की बौछार कर दी। इतने प्रश्नों के जवाब सुनने के बाद भी मुझे शिकायत पुस्तिका में शिकायत दर्ज नहीं करने दी।
यह भी कहने लगे कभी कभार आते हो इन लोगों से क्यों विवाद करते हो। इनका तो रोज का ही यही काम है। आश्चर्य की बात है कि जब रेलवे अधिकारियों को भी मालूम है कि ठेकेदार का रोज का काम है मनमानी अवैध वसूली करना तो फिर रेलवे इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करता।