हाईकोर्ट का आदेश, ऐसे सभी नियम, आदेश बताएं जिनका गजट नोटिफिकेशन नहीं

जल संसाधन विभाग के अफसरों का कोर्ट में जवाब बना सरकार के गले की फांस

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हाईकोर्ट का आदेश, ऐसे सभी नियम, आदेश बताएं जिनका गजट नोटिफिकेशन नहीं

भोपाल: राज्य सरकार द्वारा 26 साल पहले बनाए गए एक नियम का गजट नोटिफिकेशन नहीं करना और इस मामले में कोर्ट में एक विभाग के अफसरों द्वारा दो तरह का जवाब देना सरकार के गले की फांस बन गया है। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से ऐसे सभी आदेशों की जानकारी तलब कर ली है जो राज्यपाल के आदेशानुसार जारी किया है लेकिन उसका गजट नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब जहां संबंधित विभाग के उन अफसरों के विरुद्ध कार्यवाही की तैयारी है जिनके चलते कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया है वहीं दूसरी ओर कोर्ट में हलफनामा देने के लिए भी तथ्य तय किए जा रहे हैं।

दरअसल हाईकोर्ट जबलपुर की डबल बैंच में याचिका क्रमांक 1535/2022 में शासन बनाम किशोरीलाल पाठक के प्रकरण में हाईकोर्ट ने यह जानकारी तलब की है। जल संसाधन विभाग के अफसरों ने पिछले दिनों एक विभागीय प्रकरण में वित्त विभाग के 30 जनवरी 1996 को जारी किए गए सर्कुलर के मामले में कोर्ट में नियम और नोटिफिकेशन को लेकर दो तरह के तथ्य प्रस्तुत किए थे। इस पर कोर्ट ने नोटिफिकेशन का आदेश तलब कर लिया। इसके बाद जब नोटिफिकेशन की तलाश की गई तो पता चला कि सरकार ने इससे संबंधित नियम निर्देश तो जारी किए थे लेकिन इसका नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। ऐसे में कोर्ट ने इस पर खासी नाराजगी जताते हुए उप महाधिवक्ता को आदेश दिया है कि ऐसे सभी मामलों की रिपोर्ट एक माह के भीतर पेश की जाए जिसमें राज्यपाल के आदेशानुसार नियम और निर्देश जारी हुए हैं लेकिन उसका नोटिफिकेशन नहीं किया गया है। इस तरह की स्थिति बनने के बाद अफसरों की बैठक में तय हुआ है कि विधि विभाग से अधिसूचना के प्रकाशन के लिए नोटशीट लिखे जाने और विधि विभाग से परिमार्जन कराने की कार्यवाही की जाए। इसमें यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि वित्त विभाग द्वारा जारी इस सर्कुलर का राजपत्र में प्रकाशन करना क्या अति आवश्यक है? शासन को कोर्ट के इस आदेश पर जनवरी के पहले सप्ताह में जवाब देना है।

अब जल संसाधन के अफसरों पर कार्यवाही की तैयारी

हाईकोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी दे पाना आसान नहीं है क्योंकि राज्य शासन द्वारा राज्यपाल के आदेशानुसार जारी होने वाले आदेश, नियमों में से अधिकांश का गजट नोटिफिकेशन नहीं किया जाता है। ऐसे में इस मामले का हल निकालने के लिए पिछले दिनों वित्त, विधि और विधायी कार्य विभाग, जल संसाधन, राजस्व, सामान्य प्रशासन विभाग, लोक निर्माण, पीएचई विभाग और एनवीडीए के अफसरों की संयुक्त बैठक हुई। इस बैठक में एसीएस फाइनेंस अजीत केसरी ने जल संसाधन विभाग के अफसरों की जमकर क्लास ली है और कोर्ट में विसंगति पूर्ण जवाब देने के दौरान वित्त विभाग के परिपत्र की विसंगतिपूर्ण व्याख्या कर अपील प्रस्तुत करने वाले अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। साथ ही बैठक में शामिल निर्माण विभागों पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन, पीएचई, एनवीडीए के अधिकारियों से कोर्ट में आए इसी तरह के प्रकरणों में न्यायालय द्वारा जारी आदेश की सूची और याचिका, न्यायालयीन आदेश, अपील, एसएलपी आदि की जानकारी देने को कहा है। वित्त विभाग द्वारा अन्य सर्कुलर, अधिसूचनाओं के जारी होने और प्रकाशित किए जाने की जानकारी भी देने के लिए अफसरों को निर्देश दिए गए हैं।